रविवार, 29 जून 2025

सामाजिककरण Socialisation


 
सामाजिककरण की प्रकृति और प्रक्रियाओं की समझ
(Understanding the Nature and Processes of Socialisation)

1. सामाजिक प्रणाली (Social System): अवधारणा एवं विशिष्ट विशेषताएँ

अर्थ / अवधारणा:

सामाजिक प्रणाली एक संगठित संरचना होती है जिसमें विभिन्न व्यक्ति, समूह, संस्थाएँ और उनकी भूमिकाएँ एक-दूसरे से संबंधित होती हैं। यह एक सामाजिक ढांचा है जो सामाजिक कार्यों, मूल्यों और मानदंडों को नियमित करता है।

मुख्य विशेषताएँ (Specific Characteristics):

  • समूहों की परस्पर क्रिया: इसमें व्यक्ति और समूह आपसी सहयोग और संबंधों के माध्यम से जुड़ते हैं।
  • सामाजिक भूमिकाएँ: प्रत्येक सदस्य की एक निश्चित सामाजिक भूमिका होती है, जैसे माता-पिता, शिक्षक, छात्र आदि।
  • मानदंड और मूल्य: सामाजिक प्रणाली में सामान्य आचरण के नियम होते हैं जिन्हें समाज स्वीकृति देता है।
  • सामाजिक संस्थाएँ: परिवार, विद्यालय, धर्म, सरकार आदि इसके अंग होते हैं।
  • संतुलन और स्थायित्व: यह प्रणाली सामाजिक संतुलन बनाए रखने का कार्य करती है।
  • गति और परिवर्तनशीलता: सामाजिक प्रणाली समय और परिस्थिति अनुसार परिवर्तनशील होती है।

2. शिक्षा एक सामाजिक उप-प्रणाली एवं सामाजिक प्रक्रिया के रूप में

(Education as a Social Sub-System and Social Process)


(i) शिक्षा एक सामाजिक उप-प्रणाली (Sub-System) के रूप में:

  • समाज अनेक उप-प्रणालियों से मिलकर बना है – जैसे आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, शैक्षिक आदि।
  • शिक्षा समाज की एक महत्त्वपूर्ण उप-प्रणाली है जो सामाजिक मूल्यों, ज्ञान और संस्कृति को अगली पीढ़ी को हस्तांतरित करती है।
  • यह अन्य प्रणालियों (जैसे परिवार, धर्म, राजनीति) से जुड़ी होती है।
  • शिक्षा समाज की आवश्यकताओं के अनुसार कार्य करती है और उसमें परिवर्तन लाती है।

(ii) शिक्षा एक सामाजिक प्रक्रिया (Social Process) के रूप में:

  • सामाजिक प्रक्रिया वह होती है जिसमें व्यक्ति समाज के नियमों, मानदंडों और सांस्कृतिक मूल्यों को सीखता है।
  • शिक्षा सामाजिकरण (socialisation), समाजीकरण और व्यक्तित्व विकास की प्रक्रिया है।
  • यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जो औपचारिक (formal), अनौपचारिक (informal), एवं अर्ध-औपचारिक (non-formal) रूपों में होती है।

3. सामाजिक परिवर्तन और शिक्षा (Social Change and Education)

(i) सामाजिक परिवर्तन की अवधारणा (Concept of Social Change):

  • सामाजिक परिवर्तन से तात्पर्य है समाज की संरचना, क्रियाओं, मान्यताओं, मूल्यों और संस्थाओं में समय के साथ होने वाला परिवर्तन।

(ii) सामाजिक परिवर्तन का अर्थ (Meaning):

  • समाज में जब नए विचार, तकनीकी विकास, नए कानून या सांस्कृतिक प्रभाव आते हैं, तो सामाजिक व्यवहार, संस्थाएं और संरचनाएं बदलती हैं।
  • यह परिवर्तन क्रमिक भी हो सकता है और अचानक भी (जैसे कोई आंदोलन या क्रांति)।

(iii) सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया (Process of Social Change):

  • यह धीरे-धीरे विकसित होने वाली प्रक्रिया है जो विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कारणों से होती है।
  • यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है और समाज की प्रगति में सहायक होती है।

(iv) सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Influencing Social Change):

  • प्रौद्योगिकी (Technology) – नई तकनीक सामाजिक जीवन को पूरी तरह बदल देती है।
  • शिक्षा – सामाजिक जागरूकता, सोच और दृष्टिकोण में परिवर्तन लाती है।
  • राजनीतिक आंदोलन और क्रांति – जैसे स्वतंत्रता संग्राम।
  • धार्मिक सुधार आंदोलन – जैसे आर्य समाज, ब्रह्म समाज।
  • वैश्वीकरण – सांस्कृतिक और आर्थिक प्रभाव।
  • संचार माध्यम (Media) – जनमत और विचारधारा को प्रभावित करता है।

(v) सामाजिक परिवर्तन में विद्यालय की भूमिका (Role of School in Social Change):

  • नई सोच और दृष्टिकोण विकसित करना- विद्यालय बच्चों को वैज्ञानिक, तार्किक एवं सहिष्णु सोच सिखाता है।
  • समानता और समरसता का प्रचारविद्यालय जाति, धर्म, लिंग आदि से ऊपर उठकर समान शिक्षा प्रदान करता है।
  • सांस्कृतिक संरक्षण एवं विकास- विद्यालय संस्कृति को सुरक्षित रखकर उसमें नवाचार का समावेश करता है।
  • नेतृत्व और सामाजिक उत्तरदायित्व का विकासविद्यार्थी भविष्य के नेता बनते हैं और समाज सेवा का भाव सीखते हैं।
  • सामाजिक सुधारों के लिए प्रेरणा- जैसे दहेज प्रथा, बाल विवाह, पर्यावरण संरक्षण आदि विषयों पर शिक्षा।
  • लोकतांत्रिक मूल्यों की शिक्षा- विद्यालय नागरिक अधिकारों, कर्तव्यों, और लोकतंत्र की भावना को मजबूत करता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

    सामाजिककरण की प्रक्रिया के अंतर्गत व्यक्ति समाज के अनुरूप ढलता है और समाज को भी शिक्षित व्यक्ति नई दिशा देता है।

    शिक्षा न केवल सामाजिक उप-प्रणाली है, बल्कि समाज के परिवर्तन, प्रगति और समरसता का मूल साधन भी है। विद्यालय इस प्रक्रिया का केंद्र है जो भावी समाज की संरचना करता है।

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बहुवादी (Pluralistic) एवं समतावादी (Egalitarian) सांस्कृतिक पहचान, गरीबी, असमानता, भेदभाव, हाशियाकरण

 बहुवादी (Pluralistic) एवं समतावादी (Egalitarian) सांस्कृतिक पहचान, गरीबी, असमानता, भेदभाव, हाशियाकरण तथा इनका शिक्षा और समाज पर प्रभाव

1. बहुवादी सांस्कृतिक पहचान (Pluralistic Cultural Identity)

अर्थ: बहुवाद का मतलब होता है – विविधता को स्वीकार करना। बहुवादी सांस्कृतिक पहचान वह है, जिसमें समाज में विभिन्न धर्मों, भाषाओं, परंपराओं, जातियों और जीवन-शैलियों को समान महत्व और मान्यता दी जाती है।

अवधारणा:

- प्रत्येक व्यक्ति और समूह की संस्कृति का सम्मान किया जाता है।

- शिक्षा में बहु-सांस्कृतिक दृष्टिकोण अपनाया जाता है।

- यह समरस समाज की नींव है, जहाँ विविधता को विभाजन नहीं बल्कि ताकत माना जाता है।

2. समतावादी सांस्कृतिक पहचान (Egalitarian Cultural Identity)

अर्थ: समतावाद वह विचारधारा है, जो सभी व्यक्तियों को समान अधिकार, सम्मान और अवसर देने में विश्वास रखती है, चाहे उनका सामाजिक, आर्थिक या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।

अवधारणा:

- कोई भी व्यक्ति जाति, धर्म, लिंग, भाषा, या वर्ग के कारण नीचा या ऊँचा नहीं माना जाता।

- शिक्षा समता का एक सशक्त साधन है जो सामाजिक न्याय को बढ़ावा देती है।

3. गरीबी (Poverty)

अर्थ: गरीबी का अर्थ है – आवश्यक संसाधनों की कमी, जैसे भोजन, वस्त्र, मकान, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा।

प्रभाव:

- शिक्षा प्राप्त करने में आर्थिक बाधाएँ

- समयपूर्व स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति

- बाल श्रम की समस्या

- सामाजिक असंतुलन और असंतोष

4. असमानता (Inequality)

अर्थ: जब समाज में संसाधनों, अवसरों और अधिकारों का वितरण समान नहीं होता, तो उसे असमानता कहते हैं।

प्रभाव:

- शिक्षा तक पहुँच में अंतर

- कुछ वर्गों को अधिक लाभ और कुछ को निरंतर वंचन

- सामाजिक विघटन और तनाव उत्पन्न होता है।

5. भेदभाव (Discrimination)

अर्थ: भेदभाव तब होता है जब व्यक्ति के जाति, धर्म, लिंग, भाषा, या वर्ग के आधार पर असमान व्यवहार किया जाता है।

प्रभाव:

- छात्रों में हीन भावना

- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रहना

- सामाजिक असमानता और वर्ग संघर्ष

6. हाशियाकरण (Marginalization)

अर्थ: हाशियाकरण उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें कुछ समूहों को मुख्यधारा से अलग कर दिया जाता है और वे सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक निर्णयों से बाहर रह जाते हैं।

प्रभाव:

- वंचित वर्ग शिक्षा में पिछड़ते हैं

- आत्मसम्मान में कमी

- सामाजिक बहिष्कार की भावना

7. शिक्षा पर समेकित प्रभाव (Cumulative Impact on Education)

कारक

शिक्षा पर प्रभाव

गरीबी

संसाधनों की कमी, स्कूल ड्रॉपआउट, बाल श्रम

असमानता

शिक्षा की गुणवत्ता और अवसरों में अंतर

भेदभाव

आत्मविश्वास की कमी, तनाव, असफलता

हाशियाकरण

शिक्षा तक सीमित पहुँच, सामाजिक अलगाव

बहुवाद

विविधता का सम्मान, सहिष्णुता की भावना

समतावाद

समान अवसर, न्यायपूर्ण व्यवस्था

8. समाज पर प्रभाव (Impact on Society)

सकारात्मक प्रभाव:

- सामाजिक एकता, सहिष्णुता और न्याय को बढ़ावा

- सांस्कृतिक समृद्धि और रचनात्मकता

नकारात्मक प्रभाव:

- सामाजिक असंतुलन और असंतोष

- अपराध, हिंसा और विघटन में वृद्धि

- लोकतांत्रिक मूल्यों की क्षति

9. निष्कर्ष (Conclusion)

    शिक्षा को सामाजिक न्याय, समता और बहुवाद को बढ़ावा देने वाला माध्यम बनाना आवश्यक है। यदि शिक्षा प्रणाली गरीबी, असमानता, भेदभाव और हाशियाकरण को दूर करने में सहायक हो, तो समरस, समान और समृद्ध समाज का निर्माण संभव है। 

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समाज और शिक्षा का सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण Social, Cultural, Economic and Political Perspective of Society and Education

 समाज और शिक्षा का सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण
Social, Cultural, Economic and Political Perspective of Society and Education
1. सामाजिक दृष्टिकोण (Social Perspective of Society and Education)
अर्थ: सामाजिक दृष्टिकोण यह समझने में सहायता करता है कि समाज किस प्रकार शिक्षा को प्रभावित करता है और शिक्षा समाज के निर्माण में कैसे सहायक होती है।
मुख्य बिंदु:
शिक्षा का सामाजिक उद्देश्‍य: शिक्षा व्यक्ति को एक अच्छा नागरिक और समाज का सक्रिय सदस्य बनाना सिखाती है।
सामाजिक स्तरीकरण (Stratification):शिक्षा समाज में ऊँच-नीच, वर्गों और जातियों के बीच की दूरी को मिटाने का माध्यम बन सकती है।
समाजिक परिवर्तन का साधन:शिक्षा सामाजिक कुरीतियों (जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा) को समाप्त करने में सहायक है।
सामाजिक एकता एवं समरसता:शिक्षा विभिन्न जातियों, धर्मों और वर्गों के लोगों को जोड़ने का कार्य करती है।
समावेशी शिक्षा:शिक्षा सभी वर्गों और लिंगों के लिए समान अवसर प्रदान करती है – विशेषकर महिलाओं, दिव्यांगों व पिछड़े वर्गों को।
2. सांस्कृतिक दृष्टिकोण (Cultural Perspective of Society and Education)
अर्थ: सांस्कृतिक दृष्टिकोण यह बताता है कि शिक्षा किस प्रकार संस्कृति को संरक्षित, हस्तांतरित और विकसित करती है।
मुख्य बिंदु:
संस्कृति का संरक्षण: शिक्षा के माध्यम से भाषा, परंपराएँ, रीति-रिवाज, लोककला और मान्यताएँ अगली पीढ़ी को हस्तांतरित की जाती हैं।
सांस्कृतिक विविधता का सम्मान: शिक्षा विभिन्न संस्कृतियों के प्रति सहिष्णुता और सम्मान की भावना विकसित करती है।
मानवता का विकास: शिक्षा व्यक्ति को सांस्कृतिक मूल्यों – जैसे सत्य, अहिंसा, सेवा, सहयोग आदि – की समझ देती है।
सांस्कृतिक जागरूकता: शिक्षा वैश्विक संस्कृति को अपनाने और समझने में सहायक होती है।
सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा: शिक्षा से समाज अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखता है और वैश्वीकरण में भी अपनी विशेषता खोने नहीं देता।
3. आर्थिक दृष्टिकोण (Economic Perspective of Society and Education)
अर्थ: आर्थिक दृष्टिकोण यह समझाता है कि शिक्षा आर्थिक विकास का मुख्य साधन है और व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है।
मुख्य बिंदु:
मानव संसाधन विकास: शिक्षा से कुशल, योग्य और उत्पादक मानव संसाधन तैयार होता है जो आर्थिक वृद्धि में सहायक होता है।
रोज़गार के अवसर: शिक्षा व्यक्ति को तकनीकी, व्यावसायिक और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करती है जिससे रोजगार बढ़ता है।
गरीबी उन्मूलन: शिक्षा व्यक्ति की आय बढ़ाने में सहायक होती है, जिससे गरीबी दूर होती है।
आर्थिक असमानता में कमी: समान शैक्षिक अवसरों से सभी को आर्थिक उन्नति का अवसर मिलता है।
उद्यमशीलता (Entrepreneurship):शिक्षा नवाचार और स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने की प्रेरणा देती है।
4. राजनीतिक दृष्टिकोण (Political Perspective of Society and Education)
अर्थ: राजनीतिक दृष्टिकोण यह बताता है कि शिक्षा व्यक्ति को लोकतंत्र, नागरिकता और राजनीतिक चेतना से जोड़ती है।
मुख्य बिंदु:
लोकतांत्रिक मूल्यों की शिक्षा: शिक्षा व्यक्ति में स्वतंत्रता, समानता, न्याय और भाईचारे की भावना विकसित करती है।
जागरूक नागरिक निर्माण: शिक्षा व्यक्ति को उसके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाती है।
राजनीतिक भागीदारी: शिक्षा व्यक्ति को राजनीति में सक्रिय भाग लेने के लिए प्रेरित करती है – जैसे मतदान, संवाद, जन आंदोलन।
सशक्तिकरण: शिक्षा वंचित वर्गों को राजनैतिक शक्ति प्राप्त करने में मदद करती है – जैसे महिलाओं का प्रतिनिधित्व।
नीतियों का निर्माण: शिक्षा नीति निर्धारण में एक महत्वपूर्ण कारक है – जैसे आरटीई एक्ट, नई शिक्षा नीति (NEP 2020) आदि।
5. निष्कर्ष (Conclusion): 
शिक्षा केवल ज्ञान का हस्तांतरण नहीं है, बल्कि यह समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास का प्रमुख आधार है। इन चारों दृष्टिकोणों से शिक्षा का प्रभाव समाज पर व्यापक होता है। अतः शिक्षा को ऐसे स्वरूप में ढालने की आवश्यकता है जो समावेशी, न्यायसंगत और प्रगतिशील समाज के निर्माण में सहायक हो।
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सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधता : अर्थ, अवधारणा एवं शिक्षा पर प्रभाव Social & Cultural Diversity: Meaning, Concept and their Impact on Education

 सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधता : अर्थ, अवधारणा एवं शिक्षा पर प्रभाव
Social & Cultural Diversity: 
Meaning, Concept and their Impact on Education
1. सामाजिक विविधता का अर्थ (Meaning of Social Diversity)
    सामाजिक विविधता का आशय समाज में रहने वाले विभिन्न वर्गों, जातियों, धर्मों, लिंगों, भाषाओं और आर्थिक स्तर के लोगों के बीच के भिन्नता से है।
उदाहरण: भारत में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई; गरीब और अमीर; ग्रामीण और शहरी लोग सभी सामाजिक विविधता को दर्शाते हैं।

2. सांस्कृतिक विविधता का अर्थ (Meaning of Cultural Diversity)
    सांस्कृतिक विविधता का तात्पर्य विभिन्न समुदायों द्वारा अपनाई गई परंपराओं, विश्वासों, भाषाओं, जीवनशैली, कला, संगीत, खान-पान, रीति-रिवाज आदि में अंतर से है।
उदाहरण: पंजाब की भांगड़ा, गुजरात का गरबा, दक्षिण भारत का भरतनाट्यम – यह सांस्कृतिक विविधता के उदाहरण हैं।

3. सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधता की अवधारणा (Concept of Social and Cultural Diversity)
    समाज में हर व्यक्ति की पृष्ठभूमि, अनुभव, परंपराएँ, भाषा और सोच भिन्न होती है।
यह विविधता समाज को बहुआयामी बनाती है और लोगों को सहिष्णुता, समरसता और सहयोग की भावना सिखाती है।
शिक्षा प्रणाली को इस विविधता को पहचानते हुए समावेशी (inclusive) और न्यायपूर्ण बनाना होता है।

4. शिक्षा पर सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधता का प्रभाव (Impact of Social & Cultural Diversity on Education)
(क) सकारात्मक प्रभाव:
1. समावेशी शिक्षा का विकास:
    विविधता के कारण सभी पृष्ठभूमियों के विद्यार्थियों को शामिल करने की प्रवृत्ति बढ़ती है।
2. सहिष्णुता और सहयोग की भावना:
    विभिन्न वर्गों से आने वाले विद्यार्थी आपसी सम्मान और समझ विकसित करते हैं।
3. बहु-सांस्कृतिक पाठ्यक्रम (Multicultural Curriculum):
    शिक्षण सामग्री विभिन्न सांस्कृतिक अनुभवों को समाहित करती है, जिससे छात्रों की सोच व्यापक होती है।
4. रचनात्मकता और नवाचार:
    विविध पृष्ठभूमियों के विचारों के मिलन से नए विचार और नवाचार संभव होते हैं।
5.भाषाई समृद्धि:
    विभिन्न भाषाओं के प्रयोग से भाषा शिक्षण अधिक प्रभावशाली बनता है।
(ख) नकारात्मक प्रभाव:
1. भेदभाव और पूर्वाग्रह:
    जाति, धर्म, लिंग, या भाषा के आधार पर छात्रों के साथ पक्षपात हो सकता है।
2. भाषाई अवरोध:
    विविध भाषाओं के कारण शिक्षण-संचार में कठिनाई हो सकती है।
3. सांस्कृतिक टकराव:
    कुछ मान्यताएँ और परंपराएँ आपस में टकरा सकती हैं जिससे भ्रम या संघर्ष की स्थिति बन सकती है।
4. शैक्षिक असमानता:
    कुछ वर्गों को शिक्षा की बेहतर सुविधा मिलती है जबकि अन्य वंचित रह जाते हैं।
5. समावेश की चुनौतियाँ:
    हर छात्र के सांस्कृतिक-धार्मिक आवश्यकताओं को पूरा करना शिक्षकों व संस्थानों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

5. शिक्षा प्रणाली में विविधता का सम्मान कैसे किया जाए? (How to Respect Diversity in Education)
1. शिक्षकों का प्रशिक्षण: शिक्षकों को विविधता-संवेदनशील बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण।
2. समावेशी पाठ्यक्रम: सभी संस्कृतियों और समुदायों को दर्शाने वाले पाठ्यक्रम का निर्माण।
3. संवाद एवं सहभागिता: विविध पृष्ठभूमियों से आए छात्रों के लिए संवाद व सहभागिता के अवसर देना।
4. भेदभाव-मुक्त वातावरण: विद्यालय को एक सुरक्षित और समान अवसर देने वाला स्थान बनाना।

6. निष्कर्ष (Conclusion):
    सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधता शिक्षा प्रणाली को समृद्ध बनाती है, किन्तु इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी आती हैं। यदि हम इस विविधता को सकारात्मक रूप में स्वीकार करें और शिक्षा प्रणाली को समावेशी बनाएँ, तो इससे विद्यार्थी समाज के प्रति अधिक सहिष्णु, जागरूक और समृद्ध बनते हैं।

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शनिवार, 28 जून 2025

B.ED. 2 YEAR SYLLABUS AND STUDY MATERIAL

B.ED. 2 YEAR SYLLABUS AND STUDY MATERIAL

 Paper-I Knowledge and Curriculum
ज्ञान और पाठ्यचर्या
Unit -I: Knowledge Generation:-
1. Epistemology-Meaning, philosophical basis of knowledge according to Indian & Western philosophy.
2. Distinction between
(a) knowledge and skill
(b) Teaching and Training
(c) Knowledge and wisdom
(d) Reason and belief.
3. Chronological review on Knowledge generation, myth based faith and logical based knowledge.
इकाई-I: ज्ञान सृजन:-
1. ज्ञानमीमांसा-अर्थ, भारतीय और पश्चिमी दर्शन के अनुसार ज्ञान का दार्शनिक आधार।
2. बीच का अंतर
(a) ज्ञान और कौशल
(b) शिक्षण और प्रशिक्षण
(c) ज्ञान और बुद्धि
(d) तर्क और विश्वास।
3. ज्ञान सृजन, मिथक आधारित आस्था और तार्किक आधारित ज्ञान पर कालानुक्रमिक समीक्षा।

Unit -II: Child- Centred education:-
1. Modern Child-Centred Education,: Meaning, Concept and its basis.
2. Educational Thoughts on child centred Education – Shri Aurbindo, Giju Bhai, Maria Montessori, Frobel.
इकाई-II: बाल-केंद्रित शिक्षा:-
1. आधुनिक बाल-केंद्रित शिक्षा: अर्थ, अवधारणा और उसका आधार।
2. बाल-केंद्रित शिक्षा पर शैक्षिक विचार - श्री अरबिंदो, गिजू भाई, मारिया मोंटेसरी, फ्रोबेल

Unit -III: Process of knowing and forms of knowledge:-
2. Categorisation of knowledge; basis of categorisation, the essential forms of knowledge, basis of selection of categories of knowledge in school education.
इकाई-III: जानने की प्रक्रिया और ज्ञान के रूप:-
2. ज्ञान का वर्गीकरण; वर्गीकरण का आधार, ज्ञान के आवश्यक रूप, स्कूली शिक्षा में ज्ञान की श्रेणियों के चयन का आधार।

Unit -IV: Curriculum & Its Determinants:-
इकाई-IV: पाठ्यचर्या और इसके निर्धारक:-
Unit -V: Curriculum Development & Textbooks:-
1.Different approaches of curriculum development: Subject centred: learner centred and constructivist
2.Role of external agencies in providing curriculum and pedagogic supports to teachers within schools; teachers’ role in transacting, developing and researching curriculum.
3.Operationalization of curriculum into learning situations: Selection & development of learning resources i.e. textbooks, teaching learning materials and resources outside the school-local environment, community & media.
इकाई-V: पाठ्यचर्या विकास और पाठ्यपुस्तकें:-
1. पाठ्यचर्या विकास के विभिन्न दृष्टिकोण: विषय केंद्रित: शिक्षार्थी केंद्रित और रचनावादी
2. स्कूलों के भीतर शिक्षकों को पाठ्यचर्या और शैक्षणिक सहायता प्रदान करने में बाहरी एजेंसियों की भूमिका; पाठ्यचर्या को क्रियान्वित करने, विकसित करने और शोध करने में शिक्षकों की भूमिका।
3.शिक्षण स्थितियों में पाठ्यचर्या का संचालन: शिक्षण संसाधनों का चयन और विकास, जैसे पाठ्यपुस्तकें, शिक्षण सामग्री और स्कूल-स्थानीय वातावरण, समुदाय और मीडिया के बाहर के संसाधन।
1.Analysis of social myths in the light of scientific values and culture.
2.Plan a child centred activity for enhancement of children education and values based on Shri Aurbindo or Giju Bhai thoughts.
3.Conduct a survey on feedback of curriculum from learners and teachers. Prepare a report.
4.Critical review of a text book in reference to gender issues social sensitivity and the local contexts/references included in the book.
5.Critical review or analysis of the text book at upper primary and senior secondary level.
1.वैज्ञानिक मूल्यों और संस्कृति के प्रकाश में सामाजिक मिथकों का विश्लेषण।
2.श्री अरबिंदो या गिजू भाई के विचारों के आधार पर बच्चों की शिक्षा और मूल्यों को बढ़ाने के लिए बाल केंद्रित गतिविधि की योजना बनाएँ।
3.शिक्षार्थियों और शिक्षकों से पाठ्यचर्या की प्रतिक्रिया पर एक सर्वेक्षण करें। एक रिपोर्ट तैयार करें।
4.लैंगिक मुद्दों, सामाजिक संवेदनशीलता और पुस्तक में शामिल स्थानीय संदर्भों/संदर्भों के संदर्भ में एक पाठ्य पुस्तक की आलोचनात्मक समीक्षा।
5.उच्च प्राथमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर पाठ्य पुस्तक की आलोचनात्मक समीक्षा या विश्लेषण।
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Paper-II Gender Issues in Education
शिक्षा में लैंगिक मुद्दे
Unit 1: Gender Issues: Key Concepts
1.Concepts and terms – Relate them with their context in understanding the power relations: Gender, Sex, Sexuality, Patriarchy, Masculinity and Feminism
2.Gender Bias, Gender Stereo typing and empowerment.
3.Equity and equality in relation with caste, class, religion, ethnicity, disability and regional disparity.
इकाई 1: लैंगिक मुद्दे: मुख्य अवधारणाएँ
1. अवधारणाएँ और शब्द - शक्ति संबंधों को समझने में उन्हें उनके संदर्भ से जोड़ें: लिंग, सेक्स, कामुकता, पितृसत्ता, पुरुषत्व और नारीवाद
2. लिंग पूर्वाग्रह, लिंग स्टीरियो टाइपिंग और सशक्तिकरण।
3. जाति, वर्ग, धर्म, जातीयता, विकलांगता और क्षेत्रीय असमानता के संबंध में समानता और समानता।
Unit 2: Gender Studies: Paradigm Shifts
1. Paradigm shift from women’s studies to gender studies.
2. Historical background: Some landmarks from social reform movements of the nineteenth and twentieth centuries with focus on women’s experiences of education.
3. Contemporary period: Recommendations of policy initiatives, commissions and committees, schemes, programmes and plans.
इकाई 2: लिंग अध्ययन: प्रतिमान बदलाव
1. महिला अध्ययन से लिंग अध्ययन की ओर प्रतिमान बदलाव।
2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के सामाजिक सुधार आंदोलनों से कुछ मील के पत्थर, जिनमें शिक्षा के बारे में महिलाओं के अनुभवों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
3. समकालीन अवधि: नीति पहल, आयोग और समितियों, योजनाओं, कार्यक्रमों और योजनाओं की सिफारिशें।
Unit 3: Gender And Education
1.Theories on Gender and Education: Socialisation, Gender difference, Structural and Deconstructive.
2.Gender Identities and Socialisation Practices in: Family, Schools and Society.
3.Schooling of Girls: Inequalities and resistances (issues of access, retention and exclusion).
इकाई 3: लिंग और शिक्षा
1. लिंग और शिक्षा पर सिद्धांत: समाजीकरण, लिंग अंतर, संरचनात्मक और विघटनकारी।
2. लिंग पहचान और समाजीकरण अभ्यास: परिवार, स्कूल और समाज।
3. लड़कियों की स्कूली शिक्षा: असमानताएँ और प्रतिरोध (पहुँच, प्रतिधारण और बहिष्कार के मुद्दे)।
Unit 4: Gender Issues In Curriculum
1. Gender, Culture and Institution: Intersection of class, caste, religion and region.
2. Gender stereotypes in curriculum framework & Text-Books.
3. Role of Teacher in the context of gender sensitivity.
इकाई 4: पाठ्यक्रम में लिंग संबंधी मुद्दे
1. लिंग, संस्कृति और संस्थान: वर्ग, जाति, धर्म और क्षेत्र का अंतर्संबंध।
2. पाठ्यक्रम ढांचे और पाठ्य-पुस्तकों में लिंग संबंधी रूढ़ियाँ।
3. लिंग संवेदनशीलता के संदर्भ में शिक्षक की भूमिका।
Unit 5: Gender, Sexuality, Sexual Harassment and Abuse
1.Development of sexuality, including primary influences in the lives of children (such as gender, body image, role models).
2.Understanding the importance of addressing sexual harassment in family, neighbourhood and other formal and informal institutions.
3.Agencies perpetuating violence: Family, school, work place and media (print and electronic), Institutions redressing sexual harassment and abuse.
इकाई 5: लिंग, कामुकता, यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार
1. कामुकता का विकास, जिसमें बच्चों के जीवन में प्राथमिक प्रभाव (जैसे लिंग, शरीर की छवि, रोल मॉडल) शामिल हैं।
2. परिवार, पड़ोस और अन्य औपचारिक और अनौपचारिक संस्थानों में यौन उत्पीड़न को संबोधित करने के महत्व को समझना।
3. हिंसा को बढ़ावा देने वाली एजेंसियाँ: परिवार, स्कूल, कार्यस्थल और मीडिया (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक), यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का निवारण करने वाली संस्थाएँ।

 Practicum/Field Work(Any one from the following)

1.Observe a co-educational class room and pick out the gender biased behaviour/situation/comments and conclude the report.
2.List some examples of gender discrimination in the prevalent society.
3.Conduct an interview of a girl student facing inequality and resistances in family and society and also mention how it affects her aspirations.
4.Debate on women role models in various fields with emphasis on women in unconventional roles.
5.Prepare a biography a women role model of yours and also mention how she phased out her life struggle.
प्रैक्टिकम/फील्ड वर्क (निम्नलिखित में से कोई एक)
1. सह-शिक्षा कक्षा का अवलोकन करें और लिंग पक्षपातपूर्ण व्यवहार/स्थिति/टिप्पणियों को चुनें और रिपोर्ट का निष्कर्ष निकालें।
2. प्रचलित समाज में लिंग भेदभाव के कुछ उदाहरण सूचीबद्ध करें।
3. परिवार और समाज में असमानता और प्रतिरोध का सामना करने वाली एक छात्रा का साक्षात्कार लें और यह भी उल्लेख करें कि यह उसकी आकांक्षाओं को कैसे प्रभावित करता है।
4. अपरंपरागत भूमिकाओं में महिलाओं पर जोर देते हुए विभिन्न क्षेत्रों में महिला रोल मॉडल पर बहस करें।
5. अपनी किसी महिला रोल मॉडल की जीवनी तैयार करें और यह भी उल्लेख करें कि उसने अपने जीवन संघर्ष को कैसे समाप्त किया। 
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Paper-III Understanding Inclusive Education
समावेशी शिक्षा को जानना

Unit I: Introduction, Issues & perspectives of Inclusive Education

1.Definitions, concept and importance of inclusion and disability.
2.Difference between special education, integrated education and inclusive education.
3.Advantages of inclusive education for education for all children in the context of RTE.
इकाई I: समावेशी शिक्षा का परिचय, मुद्दे और दृष्टिकोण
1.समावेश और विकलांगता की परिभाषाएँ, अवधारणा और महत्व।
2.विशेष शिक्षा, एकीकृत शिक्षा और समावेशी शिक्षा के बीच अंतर।
3.आरटीई के संदर्भ में सभी बच्चों की शिक्षा के लिए समावेशी शिक्षा के लाभ।
Unit II: Policy Perspective
1.Recommendations of the Indian Education Commission (1964-66), NPE (1986-92), NCF (2005).
2. Rights of person with disabilities Act, 2016
3.UNESCO Conventions, declaration and recommendations related to Rights of persons with Disabilities.
इकाई II: नीतिगत परिप्रेक्ष्य
1.भारतीय शिक्षा आयोग (1964-66), एनपीई (1986-92), एनसीएफ (2005) की सिफारिशें।
2. विकलांग व्यक्ति के अधिकार अधिनियम, 2016
3.विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों से संबंधित यूनेस्को सम्मेलन, घोषणा और सिफारिशें।
UNIT III: Diversity in The Classroom
1.Diversity- Meaning and definition.
2.Disability – concept, meaning, causes, models of disability.
3.Concept, Nature, and Characteristics of Multiple Disabilities.
इकाई III: कक्षा में विविधता
1.विविधता- अर्थ और परिभाषा।
2.विकलांगता - अवधारणा, अर्थ, कारण, विकलांगता के मॉडल।
3.बहु विकलांगता की अवधारणा, प्रकृति और विशेषताएँ।
UNIT IV: Curriculum, Pedagogy and Assessment in Inclusive School
1.Inclusive curriculum- Meaning and characteristics.
2.Teaching and learning environment with special reference to inclusive school
3.Utilization of records/ case profiles for identification, assessment and intervention for inclusive classrooms.
4.Techniques and methods used for adaptation of infrastructure, laboratory skills and play material in inclusive classroom.
इकाई IV: समावेशी विद्यालय में पाठ्यक्रम, शिक्षणशास्त्र और मूल्यांकन
1. समावेशी पाठ्यक्रम- अर्थ और विशेषताएँ।
2. समावेशी विद्यालय के विशेष संदर्भ में शिक्षण और सीखने का माहौल
3. समावेशी कक्षाओं के लिए पहचान, मूल्यांकन और हस्तक्षेप के लिए रिकॉर्ड/केस प्रोफाइल का उपयोग।
4. समावेशी कक्षा में बुनियादी ढांचे, प्रयोगशाला कौशल और खेल सामग्री के अनुकूलन के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीकें और विधियाँ।
Unit V: Teacher Preparation and Inclusive Education
1.Role of responsibility of resources teachers in inclusive setting.
2.N.C.F 2005 and curriculum for teacher preparation and transaction modes in inclusive setting.
3.Roles, responsibilities and professional ethics of an inclusive education teacher and teacher educators.
इकाई V: शिक्षक तैयारी और समावेशी शिक्षा
1. समावेशी सेटिंग में संसाधन शिक्षकों की जिम्मेदारी की भूमिका।
2. समावेशी सेटिंग में शिक्षक तैयारी और लेन-देन के तरीकों के लिए एन.सी.एफ 2005 और पाठ्यक्रम।
3. समावेशी शिक्षा शिक्षक और शिक्षक शिक्षकों की भूमिकाएँ, जिम्मेदारियाँ और पेशेवर नैतिकता।
Practicum/Field Work(Any one from the following):
1.Observe inclusive teaching strategies in an inclusive classroom and report your observations.
2.With the help of teacher educators, conduct an extension/expert lecture on emerging issues on inclusive education and prepare a report on it.
3.To study the educational resources for persons with disability (POD) in local schools and report your observations.
4.Prepare an instructional design for your pedagogy subject basing it on inclusive learners.
5.Find out the facts about inclusive education in existing scenario with reference to our Nation through internet search compile a summarized report.
प्रैक्टिकम/फील्ड वर्क (निम्न में से कोई एक):
1. समावेशी कक्षा में समावेशी शिक्षण रणनीतियों का अवलोकन करें और अपने अवलोकनों की रिपोर्ट करें।
2. शिक्षक प्रशिक्षकों की सहायता से समावेशी शिक्षा पर उभरते मुद्दों पर विस्तार/विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित करें तथा उस पर एक रिपोर्ट तैयार करें।
3. स्थानीय विद्यालयों में विकलांग व्यक्तियों (पीओडी) के लिए शैक्षिक संसाधनों का अध्ययन करें तथा अपने अवलोकनों की रिपोर्ट दें।
4. समावेशी शिक्षार्थियों पर आधारित अपने शिक्षण विषय के लिए एक अनुदेशात्मक डिजाइन तैयार करें।
5. इंटरनेट सर्च के माध्यम से हमारे राष्ट्र के संदर्भ में मौजूदा परिदृश्य में समावेशी शिक्षा के बारे में तथ्यों का पता लगाएं तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट संकलित करें। 
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B.ED. 1 YEAR SYLLABUS AND STUDY MATERIAL

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Paper I Childhood and Growing Up

बाल्यावस्था और विकास 

UNIT – I: Childhood and Child Development

Childhood: Meaning, concept and characteristics.
Development of the child with reference to diverse social, economic and cultural background.
Physical, social, emotional& intellectual development of child.
Development of concept formation, logical reasoning, problem-solving, concept of thinking.

 इकाई - I: बाल्यावस्था और बाल विकास

बचपन: अर्थ, अवधारणा और विशेषताएँ।
विविध सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के संदर्भ में बच्चे का विकास।
बच्चे का शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और बौद्धिक विकास।
अवधारणा निर्माण, तार्किक तर्क, समस्या-समाधान, सोच की अवधारणा का विकास।
UNIT – II: Adolescent Development
Adolescent: Meaning, Concept & Characteristics
Cognitive, Physical, Social, Emotional and moral Development patterns and characteristics of adolescent learner.
Adolescent Personality: Problems & Remedies: Fantasising, Hero-worship, Idealism Daydreaming, Adventurism, Drug addiction & smoking, inquisitiveness towards opposite sex, showing off, Social-media addiction.
Impact of urbanization, economic change, Social Taboos on adolescent.

 इकाई - II: किशोर विकास

किशोरावस्था: अर्थ, अवधारणा और विशेषताएँ
किशोर शिक्षार्थी के संज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक विकास पैटर्न और विशेषताएँ।
किशोर व्यक्तित्व: समस्याएँ और उपाय: कल्पना करना, नायक-पूजा, आदर्शवाद दिवास्वप्न, साहसिकता, नशीली दवाओं की लत और धूम्रपान, विपरीत लिंग के प्रति जिज्ञासा, दिखावा, सोशल-मीडिया की लत।
शहरीकरण का प्रभाव, आर्थिक परिवर्तन, किशोरों पर सामाजिक वर्जनाएँ।
UNIT – III: Intelligence & Creativity
Intelligence: Concept & Measurement
Creativity: Concept,Creative Thinking and Measurement Of Creativity

 इकाई - III: बुद्धि और सृजनात्मकता

बुद्धि: अवधारणा और माप
रचनात्मकता: अवधारणा, सृजनात्मक सोच और सृजनात्मकता का माप
UNIT – IV Physical & Mental Hygiene:
Mental health & Hygiene: Meaning, Concept, and Factors affecting mental Health & Hygiene (Personal amd environmental hygiene.)
Development of Good mental Health, characteristics of mentally healthy teacher, to improve mental health of teachers.

 इकाई - IV शारीरिक और मानसिक स्वच्छता:

मानसिक स्वास्थ्य और स्वच्छता: अर्थ, अवधारणा और मानसिक स्वास्थ्य और स्वच्छता को प्रभावित करने वाले कारक (व्यक्तिगत और पर्यावरणीय स्वच्छता।)
अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का विकास, मानसिक रूप से स्वस्थ शिक्षक की विशेषताएँ, शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना।
UNIT – V Personality
Concept (Indian and Western), Classification of personality (Jung, Kretschmer, and Sheldon), Assessment of personality, factors affecting personality development.
इकाई - V व्यक्तित्व
अवधारणा (भारतीय और पश्चिमी), व्यक्तित्व का वर्गीकरण (जंग, क्रेश्चमर और शेल्डन), व्यक्तित्व का मूल्यांकन, व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक।

 PRACTICUM/FIELD WORK (Anyone from the following):

1. Compare the physical, social and intellectual development of the children with reference to any one diversity (Economic/Social/Culutural)
2. Organise a debate on the issue ‘Social Media as a time-thief of the youth. Note down the main point spoken for and against.
3. Administration and Interpretation of any one psychological test –
(a) Intelligence (b) Creativity (c) Personality
4. Examine the physical hygiene of a school or any social place in order to make critical appreciation.
5. Prepare a report on some existing social taboos and interpret it logically and scientifically.

प्रैक्टिकम/फील्ड वर्क (निम्न में से कोई भी):
1. किसी एक विविधता (आर्थिक/सामाजिक/सांस्कृतिक) के संदर्भ में बच्चों के शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक विकास की तुलना करें
2. 'सोशल मीडिया युवाओं का समय चोर है' मुद्दे पर एक बहस का आयोजन करें। पक्ष और विपक्ष में बोले गए मुख्य बिंदुओं को नोट करें।
3. किसी एक मनोवैज्ञानिक परीक्षण का प्रशासन और व्याख्या – (क) बुद्धि (ख) सृजनात्मकता (ग) व्यक्तित्व
4. आलोचनात्मक मूल्यांकन करने के लिए किसी विद्यालय या किसी सामाजिक स्थान की भौतिक स्वच्छता की जाँच करें।
5. कुछ विद्यमान सामाजिक वर्जनाओं पर एक रिपोर्ट तैयार करें और तार्किक तथा वैज्ञानिक रूप से उसकी व्याख्या करें।

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Paper-II Fundamentals of Contemporary Indian Education
समकालीन भारतीय शिक्षा के मूल सिद्धांत

UNIT – I: Diversity in Society & Education:
Education: Meaning, Concept and Nature.
Role of the school in developing National, Secular and Humanistic identities.
Determinants of identity formation in individuals and groups: Social categories, such as Caste, Class, Gender, Religion, Language and Age.
इकाई - I: समाज और शिक्षा में विविधता:
शिक्षा: अर्थ, अवधारणा और प्रकृति।
राष्ट्रीय, धर्मनिरपेक्ष और मानवतावादी पहचान विकसित करने में स्कूल की भूमिका।
व्यक्तियों और समूहों में पहचान निर्माण के निर्धारक: सामाजिक श्रेणियाँ, जैसे जाति, वर्ग, लिंग, धर्म, भाषा और आयु।
UNIT – II: Issues of Cotemporary Indian Society & Constitutional Provisions:
Constitution: Introduction of Preamble, Fundamental rights & duties of citizens & directive principles.
Constitutional provisions on human & child right, Role of NCPCR (National commission on Protection of Child Right)
Role of Education in National integration.
इकाई - II: समकालीन भारतीय समाज के मुद्दे और संवैधानिक प्रावधान:
संविधान: प्रस्तावना का परिचय, नागरिकों के मौलिक अधिकार और कर्तव्य और निर्देशक सिद्धांत।
मानव और बाल अधिकार पर संवैधानिक प्रावधान, NCPCR (बाल अधिकार संरक्षण पर राष्ट्रीय आयोग) की भूमिका
राष्ट्रीय एकीकरण में शिक्षा की भूमिका।
UNIT – III School in Social Context
Understanding the nature and processes of socialisation
(i) Social System: Concept,Specific characteristics.
(ii) Education as a social sub-system and as a social process.
(iii)Social change and Education: Concept,Meaning and process of social change, Factors influences and role of school in social change.
इकाई - III सामाजिक संदर्भ में विद्यालय
समाजीकरण की प्रकृति और प्रक्रियाओं को समझना
(i) सामाजिक व्यवस्था: अवधारणा, विशिष्ट विशेषताएँ।
(ii) सामाजिक उप-व्यवस्था और सामाजिक प्रक्रिया के रूप में शिक्षा।
(iii) सामाजिक परिवर्तन और शिक्षा: अवधारणा, सामाजिक परिवर्तन का अर्थ और प्रक्रिया, सामाजिक परिवर्तन में विद्यालय के कारक और भूमिका।
UNIT – IV Emerging Indian Concerns and their educational implications:
Meaning, Concept and Impact of Liberalisation Globalization and Privatization on Education.
Stratification of Education: concept and process.
Social Mobility, Social Cohesion, Technological Invasion and Knowledge Explosion.
Education for marginalized group like women, Dalits and Tribal people.
इकाई - IV उभरते भारतीय सरोकार और उनके शैक्षिक निहितार्थ:
उदारीकरण, वैश्वीकरण और निजीकरण का शिक्षा पर अर्थ, अवधारणा और प्रभाव।
शिक्षा का स्तरीकरण: अवधारणा और प्रक्रिया।
सामाजिक गतिशीलता, सामाजिक सामंजस्य, तकनीकी आक्रमण और ज्ञान विस्फोट।
महिलाओं, दलितों और आदिवासी लोगों जैसे हाशिए के समूह के लिए शिक्षा।
UNIT – V Contemporary Issues and Policies:
Contemporary challenges related to equalization of opportunities in education.
Right to Education and Challenges in implementation, SSA, Nayee Taleem.
Education and Industrialization.
Learning without Burden – Prof. Yashpal Committee Report.
इकाई - V समकालीन मुद्दे और नीतियाँ:
शिक्षा में अवसरों की समानता से संबंधित समकालीन चुनौतियाँ।
शिक्षा का अधिकार और कार्यान्वयन में चुनौतियाँ, सर्व शिक्षा अभियान, नई तालीम।
शिक्षा और औद्योगीकरण।
बिना बोझ के सीखना - प्रो. यशपाल समिति की रिपोर्ट।
PRACTICUM/FIELD WORK (Any one from the following) :
1. Arrange a discussion session in class how cultural diversity in school benefits the students
2. Observe mid day meal of a school to assess its nutritive value and social integral value (when children from various socio-cultural background religion, caste etc. come together)
3. List down some of the habits of students which they bring exclusively from home or outside school.
4. Present a report in class about the education of marginalized group.
5. Examine policy & constitutional provision on equality and right to education.
प्रैक्टिकम/फील्ड वर्क (निम्नलिखित में से कोई एक):
1. कक्षा में चर्चा सत्र आयोजित करें कि स्कूल में सांस्कृतिक विविधता छात्रों को कैसे लाभ पहुँचाती है
2. स्कूल के मध्याह्न भोजन का निरीक्षण करें ताकि उसके पोषण मूल्य और सामाजिक अभिन्न मूल्य का आकलन किया जा सके (जब विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, धर्म, जाति आदि के बच्चे एक साथ आते हैं)
3. छात्रों की कुछ आदतों की सूची बनाएँ जो वे विशेष रूप से घर से या स्कूल के बाहर से लाते हैं।
4. कक्षा में हाशिए पर पड़े समूह की शिक्षा के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
5. समानता और शिक्षा के अधिकार पर नीति और संवैधानिक प्रावधान की जाँच करें।
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Paper III Teaching and Learning
शिक्षण और अधिगम

Unit -1 Psychological domains of Teaching & Learning:
Meaning and principles of development, relationship between development and learning.
Meaning of cognition & its role in learning, socio-cultural factors influencing cognition and learning.
Principles of Teaching and learning,
Role of motivation in learning – Concept, Motivational Strategies to be used in classroom teaching.
इकाई -1 शिक्षण और अधिगम के मनोवैज्ञानिक क्षेत्र:
विकास का अर्थ और सिद्धांत, विकास और अधिगम के बीच संबंध।
ज्ञान का अर्थ और अधिगम में इसकी भूमिका, ज्ञान और अधिगम को प्रभावित करने वाले सामाजिक-सांस्कृतिक कारक।
शिक्षण और अधिगम के सिद्धांत,
अधिगम में प्रेरणा की भूमिका - अवधारणा, कक्षा शिक्षण में उपयोग की जाने वाली प्रेरक रणनीतियाँ।
Unit -2 Effective Teaching:
Effective Teaching: Meaning and Component of Effective Teaching.
Micro Teaching; Meaning, need, concept, Principles , cycle, salient features of the Indian model of Micro Teaching. Meaning and concept of teaching skills. Skill of fluency in questioning, probing ,illustrating with example, reinforcement, stimulus variation and using black-board (concept, components, observation and evaluation schedules and model lessons).
Teaching for culturally diverse students, theory of culturally relevant pedagogy.
Creative Teaching: Meaning, concept and ways of teaching creatively.
इकाई -2 प्रभावी शिक्षण:
प्रभावी शिक्षण: प्रभावी शिक्षण का अर्थ और घटक।
सूक्ष्म शिक्षण; अर्थ, आवश्यकता, अवधारणा, सिद्धांत, चक्र, सूक्ष्म शिक्षण के भारतीय मॉडल की मुख्य विशेषताएँ। शिक्षण कौशल का अर्थ और अवधारणा। प्रश्न पूछने, जाँच करने, उदाहरण के साथ चित्रण करने, सुदृढ़ीकरण, उत्तेजना भिन्नता और ब्लैक-बोर्ड (अवधारणा, घटक, अवलोकन और मूल्यांकन कार्यक्रम और मॉडल पाठ) का उपयोग करने में प्रवाह का कौशल।
सांस्कृतिक रूप से विविध छात्रों के लिए शिक्षण, सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक शिक्षाशास्त्र का सिद्धांत।
रचनात्मक शिक्षण: अर्थ, अवधारणा और रचनात्मक रूप से पढ़ाने के तरीके।
Unit -3 Learning:
Learning – Meaning, and characteristics, factors influencing learning, Types of learning – Insight, Constructivist and Social.
Role of teacher in teaching-learning situations: (a) Transmitter of knowledge (b) Teacher as a Role Model (c) Facilitator for Encouraging Children to Construct knowledge (Constructivist Approach)(d) Co-learner.
इकाई -3 सीखना:
सीखना - अर्थ, और विशेषताएँ, सीखने को प्रभावित करने वाले कारक, सीखने के प्रकार - अंतर्दृष्टि, रचनावादी और सामाजिक।
शिक्षण-सीखने की स्थितियों में शिक्षक की भूमिका: (ए) ज्ञान का संचारक (बी) एक रोल मॉडल के रूप में शिक्षक (सी) बच्चों को ज्ञान का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सुविधाकर्ता (रचनात्मक दृष्टिकोण) (डी) सह-शिक्षक।
Unit -4 Learning Style:
Learning Style: – concept, Types and importance in Teaching -Learning process, factors affecting learning style.
Diversity among learners and learning needs – Gifted, slow learner and differently-abled children, Role of teacher in their effective learning.
इकाई -4 सीखने की शैली:
सीखने की शैली: - अवधारणा, शिक्षण-सीखने की प्रक्रिया में प्रकार और महत्व, सीखने की शैली को प्रभावित करने वाले कारक।
शिक्षार्थियों और सीखने की जरूरतों के बीच विविधता - प्रतिभाशाली, धीमी गति से सीखने वाले और अलग-अलग तरह के बच्चे, उनके प्रभावी सीखने में शिक्षक की भूमिका।
Unit -5 Teaching style:
Teaching Style: – Concept, Types and effect on learners’ learning process, factor affecting teaching Style.
Teacher behaviour, effect of Verbal and Non-Verbal behaviour of Teacher on students’ learning. Teacher behaviour and classroom climate (Flanders’ interaction analysis category system).
Use of out of class experiences of children in classroom teaching, Organisational climate – Meaning, types, and its effect on teaching.
इकाई -5 शिक्षण शैली:
शिक्षण शैली: - अवधारणा, शिक्षार्थियों की सीखने की प्रक्रिया पर प्रकार और प्रभाव, शिक्षण शैली को प्रभावित करने वाले कारक।
शिक्षक का व्यवहार, छात्रों के सीखने पर शिक्षक के मौखिक और गैर-मौखिक व्यवहार का प्रभाव। शिक्षक का व्यवहार और कक्षा का माहौल (फ़्लैंडर्स की बातचीत विश्लेषण श्रेणी प्रणाली)।
कक्षा शिक्षण में बच्चों के कक्षा से बाहर के अनुभवों का उपयोग, संगठनात्मक वातावरण - अर्थ, प्रकार, तथा शिक्षण पर इसका प्रभाव।
PRACTICUM/FIELD WORK (Any one from the following):
1. Analysing the behaviour of your fellow student-teachers, find out how socio-cultural factors have influenced & shaped their learning.
2. Write a report about some best teachers in your past experiences & write some special features of their ways of teaching.
3. Conduct a case study of an individual (Educationally exceptional – Differently-abled).
4. Observation of two lessons of the same student teacher for encoding and decoding on the basis of Flander’s Interaction analysis.
5. Trace out some of the odd Non-Verbal behaviour of any 05 fellow student teachers.
प्रैक्टिकम/फील्ड वर्क (निम्नलिखित में से कोई एक):
1. अपने साथी छात्र-शिक्षकों के व्यवहार का विश्लेषण करते हुए, पता लगाएँ कि सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों ने उनके सीखने को कैसे प्रभावित और आकार दिया है।
2. अपने पिछले अनुभवों में कुछ सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के बारे में एक रिपोर्ट लिखें और उनके शिक्षण के तरीकों की कुछ विशेष विशेषताएँ लिखें।
3. किसी व्यक्ति (शैक्षणिक रूप से असाधारण - दिव्यांग) का केस स्टडी करें।
4. फ़्लैंडर के इंटरैक्शन विश्लेषण के आधार पर एन्कोडिंग और डिकोडिंग के लिए एक ही छात्र शिक्षक के दो पाठों का अवलोकन।
5. किसी भी 05 साथी छात्र शिक्षकों के कुछ अजीब गैर-मौखिक व्यवहार का पता लगाएँ।
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Paper-IV Basics in Education and Communication
 शिक्षा और सम्प्रेषण के मूलआधार

Unit-1  Education, Nature & Purpose-
शिक्षा, प्रकृति उद्देश्य
1. Education: Meaning, Nature and purpose of Education according to
2. Vivekanand, Tagore, Gandhi, Aurobindo, Rousseau & John Dewey.
4. Education as a Social Process.
1. शिक्षाः अर्थ, अर्थ, प्रकृति और शिक्षा के उद्देश्य के अनुसार
2. विवेकानंद, टैगोर, गांधी, अरबिंदो, रूसो और जॉन डेवी।
4. एक सामाजिक प्रक्रिया के रूप में शिक्षा।

Unit- 2 Evolution and Management of Education
शिक्षा का विकास और प्रबंधन
1. Ancient Indian Education System: Vedic Era, Buddhist Era, Muslim Era & British Era - An Overview with specific reference to Teacher, Student, Methods and Contents.
2. Educational Management: Meaning, Concept, Principles.
3. Managerial Role of the Head of Institution: - Meaning, Importance and qualities, Managerial activities - Planning, Decision-making, Co-ordination, Supervision and Financing in the schools.
1. प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणालीः वैदिक युग, बौद्ध युग, मुस्लिम युग और ब्रिटिश युग - शिक्षक, छात्र, तरीके और सामग्री के विशिष्ट संदर्भ के साथ एक अवलोकन।
2. शैक्षणिक प्रबंधनः अर्थ, अवधारणा, सिद्धांत।
3. संस्थान के प्रमुख की प्रबंधकीय भूमिकाः - अर्थ, महत्व और गुण, प्रबंधकीय गतिविधियां - स्कूलों में योजना, निर्णय लेने, समन्वय, पर्यवेक्षण और वित्त पोषण।

1. Meaning, Concept, Need and Importance of Guidance & counselling in Educational Institutions.
1. शैक्षिक संस्थानों में निर्देशन और परामर्श का अर्थ, अवधारणा, आवश्यकता और महत्व।

Unit-4  Values Education and Peace Education
मूल्य शिक्षा और शांति शिक्षा
1. Values: Meaning, Types: Aesthetic, Spiritual, Universal, Moral and ethical etc. Role of Education in Transformation of Values in Society.
2. Value Education: Recommendations of Committees, Commissions and Policy Directives.
3. Major issues related to value Education, Methods of Value Orientation and Evaluation of value learning.
4. Peace Education - Meaning, Concept and need.
(a) Issues of National and International conflicts, social injustice, Communal conflict.
(b)Individual alienation: A Critical understanding.
(c) Role of School, Social organisations (UNESCO) and Individuals in promoting peace.
1. मूल्यः अर्थ, प्रकारः सौंदर्य, आध्यात्मिक, सार्वभौमिक, नैतिक और नैतिक आदि। समाज में मूल्यों के परिवर्तन में शिक्षा की भूमिका।
2. मूल्य शिक्षाः समितियों, आयोगों और नीति निर्देशों की सिफारिशें।
3. मूल्य शिक्षा से संबंधित प्रमुख मुद्दे, मूल्य अभिविन्यास के तरीके और मूल्य सीखने का मूल्यांकन।
4. शांति शिक्षा - मतलब, अवधारणा और आवश्यकता।
(ए) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष, सामाजिक अन्याय, सांप्रदायिक संघर्ष के मुद्दे।
(बी) व्यक्तिगत अलगावः एक गंभीर समझ।
(सी) स्कूल, सामाजिक संगठनों (यूनेस्को) और शांति को बढ़ावा देने में व्यक्तियों की भूमिका।

Unit-5  Communication Skills for the Teachers.
शिक्षकों के लिए सम्प्रेषण कौशल
1. Communication: Meaning, Concept, Elements and Process, 7 C's of Communication, Audio-Visual-Communication. Importance of Non verbal Communication in Teaching.
2. Listening & Speaking Skills, Barriers to Listening & speaking, Effective Presentation.
2. सुनना और बोलना कौशल, सुनने और बोलने के लिए बाधाएं, प्रभावी प्रस्तुतिकरण।

1. Interview a less educated or uneducated person about a social issue & conclude the findings in present context.
2. "Are Modern Educational ways Effective in comparison to traditional ways of teaching" Organise a debate for or against and report the outcomes.
3. How students choose their career. Discuss with the Headmaster/Principal, Parents/Students & prepare a report on it.
4. Write a small reflective note on how you found yourself under a value conflict situation in recent past
            Or
Analyse the contribution of any National or International personality in establishing peace.
5. Speak some fifty words & tell students to recall them back and note down who counts maximum.
            Or
Draft two notices for the conduction of some activity in school.
1. एक सामाजिक मुद्दे के बारे में एक कम शिक्षित या अशिक्षित व्यक्ति से मुलाकात करें और वर्तमान संदर्भ में निष्कर्ष निकालें।
2. ‘‘आधुनिक शैक्षणिक तरीके शिक्षण के पारंपरिक तरीकों की तुलना में प्रभावी हैं‘‘ परिणामों के लिए या उसके खिलाफ बहस आयोजित करें और रिपोर्ट करें।
3. छात्र अपने कैरियर का चयन कैसे करते हैं। हेडमास्टर /प्रिंसिपल, माता-पिता व छात्र से चर्चा करें और उस पर एक रिपोर्ट तैयार करें।
4. हाल ही में एक मूल्य संघर्ष स्थिति के तहत आप खुद को कैसे प्राप्त करते हैं, इस पर एक छोटा प्रतिबिंबित नोट लिखें
या
*शांति स्थापित करने में किसी भी राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तित्व के योगदान का विश्लेषण करें।
5. कुछ पचास शब्दों को बोलें और छात्रों को उन्हें वापस याद करने के लिए कहें और ध्यान दें कि अधिकतम गणना कौन करता है।
या
*स्कूल में कुछ गतिविधि के संचालन के लिए दो नोटिस ड्राफ्ट करें।

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सम्मेलन / कॉन्फ़्रेंस (Conference)

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