मंगलवार, 10 जून 2025

वैधता (Validity)

 

 


वैधता (Validity) 

    वैधता (Validity) किसी मापन उपकरण (जैसे प्रश्नावली, टेस्ट या शोध उपकरण) की वह विशेषता है जो यह निर्धारित करती है कि वह उस विशेषता या गुण को कितने सटीक रूप से मापता है जिसके लिए उसे बनाया गया है।

1. वैधता के प्रकार (Types of Validity)

(क) सामग्री वैधता (Content Validity)

•यह जाँचता है कि मापन उपकरण में उस विषय या गुण से संबंधित सभी महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं या नहीं।

•उदाहरण: एक गणित की परीक्षा में केवल बीजगणित के प्रश्न होने पर यह पूरी तरह से वैध नहीं होगी, क्योंकि इसमें ज्यामिति या अंकगणित नहीं है।

•इसे तार्किक वैधता (Logical Validity) भी कहा जाता है।

(ख) मापदंड-संबंधी वैधता (Criterion-Related Validity)

•यह जाँचता है कि मापन उपकरण किसी बाहरी मापदंड (Criterion) के साथ कितना सहसंबंध रखता है।

•इसे दो भागों में बाँटा जा सकता है:

A. समवर्ती वैधता (Concurrent Validity): जब मापन उपकरण और मापदंड एक ही समय पर मापे जाते हैं।

उदाहरण: एक नए डिप्रेशन टेस्ट का परिणाम पहले से मान्य टेस्ट के परिणाम से मिलान करना।

B. पूर्वकथनीय वैधता (Predictive Validity): जब मापन उपकरण भविष्य में होने वाली घटनाओं का अनुमान लगा सकता है।

उदाहरण: कॉलेज प्रवेश परीक्षा का स्कोर छात्र के भविष्य के शैक्षणिक प्रदर्शन का अनुमान लगा सकता है या नहीं।

(ग) संरचना वैधता (Construct Validity)

•यह जाँचता है कि मापन उपकरण किसी सैद्धांतिक अवधारणा (Construct) को कितनी अच्छी तरह मापता है।

•उदाहरण: "खुशी" जैसी अमूर्त अवधारणा को मापने के लिए बनाई गई प्रश्नावली वास्तव में खुशी को ही माप रही है या किसी अन्य चीज़ को।

•इसे स्थापित करने के लिए अभिसारी वैधता (Convergent Validity) और भेदक वैधता (Discriminant Validity) का उपयोग किया जाता है।

(घ) अभिसारी वैधता (Convergent Validity)

•यह दर्शाता है कि जो अवधारणा मापी जा रही है, वह अन्य समान अवधारणाओं के साथ सहसंबंध रखती है।

उदाहरण: आत्म-सम्मान (Self-esteem) का मापन करने वाला टेस्ट आत्मविश्वास (Self-confidence) से संबंधित होना चाहिए।

(च) भेदक वैधता (Discriminant Validity)

•यह दर्शाता है कि मापन उपकरण उस अवधारणा को माप रहा है, न कि किसी असंबंधित अवधारणा को।

उदाहरण: तनाव मापने वाला टेस्ट अवसाद (Depression) से अलग परिणाम देना चाहिए।

(छ) बाह्य वैधता (External Validity)

•यह दर्शाता है कि शोध के नतीजे कितने सामान्यीकृत (Generalizable) हैं, यानी अन्य परिस्थितियों, समूहों या समय में भी लागू हो सकते हैं।

उदाहरण: एक प्रयोगशाला में किया गया शोध वास्तविक दुनिया में भी लागू होना चाहिए।

(ज) आंतरिक वैधता (Internal Validity)

•यह जाँचता है कि क्या शोध में परिवर्तन वास्तव में स्वतंत्र चर (Independent Variable) के कारण हुआ है या किसी अन्य बाह्य कारक के कारण।

उदाहरण: यदि कोई दवा रोगी को ठीक करती है, तो यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि यह सुधार दवा के कारण ही हुआ है, न कि किसी अन्य कारक (जैसे प्लेसबो प्रभाव) के कारण।

2. वैधता को प्रभावित करने वाले कारक

•मापन त्रुटियाँ (Measurement Errors): यदि उपकरण में त्रुटियाँ हैं, तो वैधता कम होगी।

•नमूना आकार (Sample Size): छोटे नमूने वैधता को कम कर सकते हैं।

•पूर्वाग्रह (Bias): यदि प्रश्नों में पूर्वाग्रह है, तो परिणाम वैध नहीं होंगे।

•समय सीमा (Time Constraints): यदि परीक्षा का समय कम है, तो छात्र सही उत्तर नहीं दे पाएँगे, जिससे वैधता प्रभावित होगी।

3. वैधता और विश्वसनीयता (Reliability) में अंतर

 

4. वैधता सुनिश्चित करने के तरीके

•विशेषज्ञों की समीक्षा (Expert Review): विषय विशेषज्ञों से प्रश्नावली की जाँच करवाना।

•पायलट टेस्टिंग (Pilot Testing): छोटे समूह पर परीक्षण करके सुधार करना।

•सांख्यिकीय विश्लेषण (Statistical Analysis): सहसंबंध (Correlation) और कारक विश्लेषण (Factor Analysis) जैसी तकनीकों का उपयोग।

निष्कर्ष:

वैधता किसी भी शोध या मापन प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह सुनिश्चित करती है कि हम जिस चीज़ को मापने का दावा कर रहे हैं, वास्तव में वही माप रहे हैं। वैधता के विभिन्न प्रकारों को समझकर हम अधिक सटीक और विश्वसनीय शोध कर सकते हैं।

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Dr. D R BHATNAGAR 

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