भारत में शिक्षक शिक्षा पर राष्ट्रीय नीतियाँ
(National Policies on Teacher Education in India)
1. 1968 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Policy on Education – 1968):
- यह पहली राष्ट्रीय नीति थी जिसने शिक्षक की भूमिका को “शिक्षा की गुणवत्ता का केंद्र” बताया।
- शिक्षकों की प्रशिक्षण संस्थाओं की स्थापना व सुधार पर बल दिया।
- योग्य, प्रेरित और आदर्श शिक्षक तैयार करने की सिफारिश।
2. 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NPE – 1986):
- शिक्षक को राष्ट्रीय विकास का सबसे बड़ा कारक माना गया।
- सभी शिक्षकों को पूर्व-सेवा प्रशिक्षण (Pre-service) और सेवारत प्रशिक्षण (In-service Training) देना अनिवार्य किया गया।
- DIETs (District Institute of Education and Training) की स्थापना का प्रस्ताव।
- महिला शिक्षकों, जनजातीय क्षेत्रों, और पिछड़े वर्गों के लिए विशेष उपाय।
- नीति को 1992 में पुनः संशोधित किया गया (Programme of Action - 1992) जिसमें सतत व्यावसायिक विकास पर ज़ोर दिया गया।
3. NCFTE 2009 (National Curriculum Framework for Teacher Education):
- शिक्षक शिक्षा को अधिगम केंद्रित, लोकतांत्रिक, और सामाजिक न्याय आधारित बनाने पर बल।
- प्रशिक्षण में चिंतनशील व्यवहार (Reflective Practice) और मूल्य शिक्षा को समाहित करने की बात।
- शिक्षक को जटिल सामाजिक-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में समझने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
4. RTE अधिनियम 2009 (Right to Education Act – 2009):
- सभी प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित होना अनिवार्य किया गया।
- अनुपयुक्त या अप्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक।
- न्यूनतम योग्यता की जिम्मेदारी NCTE (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) को दी गई।
5. राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा नीति मसौदा (Draft National Policy on Teacher Education – 2013):
- शिक्षक शिक्षा संस्थाओं की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की गई।
- शिक्षक भर्ती की पारदर्शी प्रणाली, नवाचार, और प्रशिक्षण की निगरानी पर जोर।
- ओपन और डिस्टेंस मोड से शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की सिफारिश।
6. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy – NEP 2020):
- शिक्षक को "राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का केंद्र" माना गया।
- 2030 तक 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड B.Ed. कार्यक्रम को अनिवार्य बनाने की सिफारिश।
- NTA के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) के उन्नयन की योजना।
- शिक्षक की सतत व्यावसायिक विकास (CPD) के लिए हर वर्ष कम से कम 50 घंटे का प्रशिक्षण अनिवार्य।
- Teacher Eligibility Test (TET) को डिजिटल और व्यावहारिक बनाने पर जोर।
निष्कर्ष:
भारत में समय-समय पर बनी राष्ट्रीय नीतियों ने शिक्षक को रचनात्मक, उत्तरदायी और नैतिक व्यक्तित्व के रूप में उभरने का अवसर दिया। नवीनतम नीति (NEP 2020) में गुणवत्ता, नवाचार और व्यावसायिकता पर विशेष बल दिया गया है।
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Dr. D R BHATNAGAR
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