माध्यों के बीच अंतर का महत्व परीक्षण (t-परीक्षण)
1. परिचय
-t-परीक्षण एक सांख्यिकीय विधि है जो दो समूहों के माध्यों (Means) के बीच अंतर के महत्व (Significance) को जाँचती है।
- इसका उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि क्या माध्यों में अंतर वास्तविक (सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण) है या यह केवल संयोग (Chance) के कारण है।
2. t-परीक्षण के प्रकार
1.एक नमूना t-परीक्षण (One-sample t-test):
- किसी एक नमूने के माध्य की तुलना ज्ञात जनसंख्या माध्य (Population Mean) से की जाती है।
-उदाहरण: क्या एक कक्षा के छात्रों का औसत स्कोर राष्ट्रीय औसत (National Average) से अलग है?
2.स्वतंत्र नमूना t-परीक्षण (Independent samples t-test):
- दो अलग-अलग समूहों (जैसे पुरुष vs महिला, दवा vs प्लेसीबो) के माध्यों की तुलना की जाती है।
-उदाहरण: क्या दो अलग-अलग शिक्षण विधियों से पढ़ाए गए छात्रों के औसत अंकों में अंतर है?
3.युग्मित नमूना t-परीक्षण (Paired samples t-test):
- एक ही समूह के दो अलग-अलग समय (Pre-test vs Post-test) या स्थितियों में मापों की तुलना की जाती है।
-उदाहरण: क्या छात्रों के प्रशिक्षण से पहले और बाद के परीक्षण स्कोर में अंतर है?
3. t-परीक्षण के लिए पूर्व शर्तें
- डेटासामान्य वितरण (Normal Distribution) का होना चाहिए।
-समान विचरण (Homogeneity of Variance) – दो समूहों का विचरण (Variance) लगभग बराबर होना चाहिए (Levene’s Test द्वारा जाँचा जाता है)।
-अंतराल या अनुपात स्केल (Interval/Ratio Scale) पर मापित डेटा।
4. t-परीक्षण की गणना
t-मान (t-value) की गणना निम्न सूत्र द्वारा की जाती है:
-महत्वपूर्ण मान (Critical Value) की तुलना t-मान से की जाती है:- यदिt-मान > महत्वपूर्ण मान, तो अंतर सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण है।
-p-मान (p-value) < 0.05 होने पर भी अंतर महत्वपूर्ण माना जाता है।
5. t-परीक्षण के परिणामों की व्याख्या
-p-मान < 0.05: माध्यों में अंतर सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण है (Null Hypothesis अस्वीकार)।
-p-मान ≥ 0.05: माध्यों में अंतर महत्वपूर्ण नहीं है (Null Hypothesis स्वीकार)।
6. t-परीक्षण के उदाहरण
-शिक्षा: क्या ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं के छात्रों के प्रदर्शन में अंतर है?
-चिकित्सा: क्या दो अलग-अलग दवाओं के उपचार के परिणामों में अंतर है?
-मनोविज्ञान: क्या एक थेरेपी से पहले और बाद में रोगियों के तनाव स्तर में अंतर है?
7. t-परीक्षण के लाभ
- छोटे नमूनों (Small Samples) के लिए उपयुक्त।
- सरल और व्याख्या में आसान।
8. सीमाएँ
- डेटा सामान्य वितरण का न होने पर अन्य परीक्षण (जैसे Mann-Whitney U Test) का उपयोग करना चाहिए।
- दो से अधिक समूहों की तुलना के लिए ANOVA का उपयोग किया जाता है।
निष्कर्ष:
t-परीक्षण एक शक्तिशाली सांख्यिकीय उपकरण है जो शोधकर्ताओं को दो समूहों के बीच माध्य अंतरों के महत्व को समझने में मदद करता है। यह शिक्षा, चिकित्सा, मनोविज्ञान और सामाजिक विज्ञान में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।
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Dr. D R BHATNAGAR
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