बुधवार, 18 जून 2025

पूर्व-सेवा एवं सेवाकालीन शिक्षक शिक्षण: अवधारणा, प्रकृति, उद्देश्य एवं क्षेत्र

 पूर्व-सेवा एवं सेवाकालीन शिक्षक शिक्षण: 

अवधारणा, प्रकृति, उद्देश्य एवं क्षेत्र   

1. अवधारणा (Concept)   

-  पूर्व-सेवा शिक्षक शिक्षण (Pre-Service Teacher Education):   

  - यह शिक्षक बनने से पहले दिया जाने वाला प्रशिक्षण है।  

  - इसमें बी.एड (B.Ed), डी.एल.एड (D.El.Ed), बी.टी.सी (BTC) जैसे कोर्स शामिल हैं।  

  - इसका उद्देश्य शिक्षकों को शिक्षण के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण प्रदान करना है।  

-  सेवाकालीन शिक्षक शिक्षण (In-Service Teacher Education):   

  - यह शिक्षकों को उनके कार्यकाल के दौरान दिया जाने वाला प्रशिक्षण है।  

  - इसमें कार्यशालाएँ, सेमिनार, ऑनलाइन कोर्स और प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।  

  - इसका उद्देश्य शिक्षकों के ज्ञान और कौशल को अपडेट करना है।  

2. प्रकृति (Nature)   

-  पूर्व-सेवा शिक्षक शिक्षण:   

  - सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों पहलुओं पर आधारित।  

  - शिक्षण पद्धतियों, मनोविज्ञान और विषय-विशेषज्ञता पर ध्यान केंद्रित।  

  - नियमित कोर्स संरचना के तहत संचालित।  


-  सेवाकालीन शिक्षक शिक्षण:   

  - लचीला और आवश्यकता-आधारित प्रशिक्षण।  

  - नवीन शैक्षिक तकनीकों और पाठ्यक्रम परिवर्तनों पर ध्यान।  

  - अनुभवी शिक्षकों के लिए कौशल विकास पर जोर।  

3. उद्देश्य (Objectives)   

-  पूर्व-सेवा शिक्षक शिक्षण के उद्देश्य:   

  - शिक्षण के लिए आवश्यक बुनियादी कौशल विकसित करना।  

  - शैक्षिक मनोविज्ञान और शिक्षण विधियों का ज्ञान देना।  

  - कक्षा प्रबंधन और मूल्यांकन तकनीकों में प्रशिक्षित करना।  

  - शिक्षकों में नैतिक और व्यावसायिक मूल्यों का विकास करना।  

-  सेवाकालीन शिक्षक शिक्षण के उद्देश्य:   

  - शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराना।  

  - तकनीकी और डिजिटल शिक्षण उपकरणों का प्रशिक्षण देना।  

  - शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करना और उनके अनुभवों को साझा करने का अवसर देना।  

  - शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाना।  

4. क्षेत्र (Scope)   

-  पूर्व-सेवा शिक्षक शिक्षण का क्षेत्र:   

  - विभिन्न स्तरों (प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर) पर शिक्षक तैयार करना।  

  - विभिन्न विषयों और शिक्षण विधियों में विशेषज्ञता प्रदान करना।  

  - शिक्षण संस्थानों, कोचिंग सेंटर और अन्य शैक्षिक क्षेत्रों में रोजगार के अवसर।  

-  सेवाकालीन शिक्षक शिक्षण का क्षेत्र:   

  - वर्तमान शिक्षकों के लिए निरंतर व्यावसायिक विकास।  

  - नई शिक्षा नीतियों और तकनीकों का कार्यान्वयन।  

  - शिक्षकों के बीच अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना।  

  - शिक्षा की गुणवत्ता और प्रभावशीलता में सुधार।  

निष्कर्ष:   

    पूर्व-सेवा और सेवाकालीन शिक्षक शिक्षण दोनों ही शिक्षा प्रणाली के महत्वपूर्ण घटक हैं। पूर्व-सेवा प्रशिक्षण शिक्षकों को बुनियादी कौशल प्रदान करता है, जबकि सेवाकालीन प्रशिक्षण उन्हें नवीनतम ज्ञान और तकनीकों से अपडेट रखता है। दोनों का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना और प्रभावी शिक्षण सुनिश्चित करना है।

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