मंगलवार, 24 जून 2025

शोध लेखन प्रस्तुति की शैलियाँ Styles of Presentation in Research Writing

 शोध लेखन प्रस्तुति की शैलियाँ 

Styles of Presentation in Research Writing

1. उद्धरण (Quotations) का प्रयोग

    जब किसी लेखक के शब्दों को ज्यों का त्यों लिया जाता है, तो उसे उद्धरण कहते हैं। इन्हें "..." के अंदर लिखा जाता है। यदि तीन पंक्तियों से अधिक का उद्धरण हो तो उसे अलग अनुच्छेद में, अंदर की ओर खींचकर लिखा जाता है।

1. उद्धरण की परिभाषा
जब हम किसी अन्य लेखक के शब्दों को उसी रूप में अपने शोध में शामिल करते हैं, तो उसे "उद्धरण" (Quotation) कहते हैं।

2. प्रत्यक्ष उद्धरण (Direct Quotation)
लेखक के शब्द हूबहू लिखे जाते हैं और उन्हें "..." के भीतर रखा जाता है।

3. अप्रत्यक्ष उद्धरण (Indirect Quotation)
लेखक की बात को अपने शब्दों में लिखते हैं, लेकिन उसका मूल भाव जस का तस रखते हैं। इसे पराफ्रेज़िंग (Paraphrasing) कहते हैं।

4. लघु उद्धरण (Short Quotation)
यदि उद्धरण 3 पंक्तियों से कम है, तो उसे मुख्य वाक्य में सम्मिलित किया जाता है।

5. दीर्घ उद्धरण (Long Quotation)
3 या उससे अधिक पंक्तियों वाले उद्धरण को अलग अनुच्छेद में, इन्डेंटेड (अंदर की ओर खींचकर) और सामान्य टेक्स्ट से छोटा फ़ॉन्ट रखकर लिखा जाता है।

6. संदर्भ के साथ उद्धरण
हर उद्धरण के बाद स्रोत का स्पष्ट उल्लेख करना आवश्यक होता है – जैसे: (Sharma, 2021, p. 45)

7. उद्धरण की मौलिकता बनाए रखना
किसी भी उद्धरण को अपने अनुसार संशोधित या संपादित नहीं करना चाहिए। यदि कोई शब्द हटाना हो, तो […] का प्रयोग करें।

2. फुटनोट्स (Footnotes) का प्रयोग

    फुटनोट लेख के नीचे दिए जाने वाले स्पष्टीकरण होते हैं, जिनमें स्रोत या अतिरिक्त जानकारी दी जाती है। इन्हें संख्या (¹, ², ³...) या * से चिन्हित किया जाता है।

1. फुटनोट की परिभाषा
फुटनोट लेख में ऐसे संकेत होते हैं जो पाठ के अंत में अतिरिक्त जानकारी या स्रोत प्रदान करते हैं।

2. फुटनोट का चिन्ह
पाठ में जहाँ स्पष्टीकरण देना हो वहाँ ^(1), ^(2) आदि अंक या * चिह्न लगाए जाते हैं, और पृष्ठ के नीचे उसका विवरण दिया जाता है।

3. फुटनोट और अंत टिप्पणियाँ (Endnotes)
फुटनोट पृष्ठ के नीचे दिए जाते हैं जबकि एंडनोट पूरे अध्याय या लेख के अंत में दिए जाते हैं।

4. फुटनोट का उपयोग कब करें
जब किसी शब्द, घटना, तिथि, स्थान, लेखक या विषय की अतिरिक्त जानकारी देनी हो जो मुख्य विषय से अलग हो।

5. शैली और सुसंगतता
फुटनोट की शैली पूरी लेख में एक समान होनी चाहिए (जैसे APA, MLA आदि के अनुसार)।

3. संदर्भ सूची (Bibliographical References)

    लेख के अंत में जिन पुस्तकों, लेखों या अन्य स्रोतों का उपयोग किया गया है, उनकी सूची दी जाती है। इसे "संदर्भ सूची" या "ग्रंथ सूची" कहा जाता है। यह अल्फ़ाबेटिक क्रम में होती है।

1. ग्रंथ सूची की परिभाषा
ग्रंथ सूची वह सूची होती है जिसमें उन सभी स्रोतों का विवरण होता है जिनका उपयोग शोध में किया गया हो – जैसे पुस्तकें, लेख, वेबसाइट आदि।

2. क्रम और शैली
सभी संदर्भों को लेखक के अंतिम नाम के अनुसार वर्णमाला क्रम (Alphabetical Order) में व्यवस्थित किया जाता है। शैली के अनुसार स्वरूप तय होता है (APA, MLA, Chicago आदि)।

3. संदर्भ उदाहरण (APA शैली में)

Sharma, R. K. (2020). Educational Research Methods. New Delhi: Sage Publications.

4. लेखक का नाम (Author’s Name Formatting)

    संदर्भ में लेखक का अंतिम नाम पहले और पहला नाम बाद में आता है, जैसे: Sharma, R.K. यदि एक से अधिक लेखक हैं तो सभी के नाम लिखे जाते हैं।

5. शीर्षक (Title) का लेखन

    किताब या लेख का शीर्षक इटैलिक (italic) या अंडरलाइन किया जाता है, जैसे: *Research Methods in Education*। लेख का शीर्षक "Quotes" के अंदर दिया जाता है।

6. प्रकाशन की जानकारी (Publication Details)

    संदर्भ में पुस्तक के प्रकाशन का स्थान, प्रकाशक, और वर्ष क्रमशः लिखा जाता है। जैसे: Delhi: PHI Learning, 2020

7. तालिकाओं (Tables) की प्रस्तुति

    तालिकाओं को क्रम संख्या दी जाती है, जैसे Table 1, Table 2 आदि। प्रत्येक तालिका का शीर्षक ऊपर दिया जाता है और उसे संक्षिप्त तथा स्पष्ट होना चाहिए।

1. तालिका की परिभाषा
तालिका वह संरचित रूप होती है जिसमें आँकड़ों या तथ्यों को पंक्तियों और स्तंभों में व्यवस्थित किया जाता है ताकि तुलना और विश्लेषण आसान हो।

2. तालिका की क्रम संख्या
प्रत्येक तालिका को "Table 1", "Table 2", आदि क्रम संख्या दी जाती है। यह संख्या लेख में क्रमिक रूप से होनी चाहिए।

3. शीर्षक (Title)
प्रत्येक तालिका के ऊपर एक स्पष्ट, संक्षिप्त और वर्णनात्मक शीर्षक दिया जाता है। जैसे:
Table 1: 2022 में छात्रों की परीक्षा में प्राप्त अंक

4. हेडिंग्स का उपयोग
तालिका के प्रत्येक कॉलम और रो की शीर्ष पंक्ति में स्पष्ट हेडिंग दी जाती है, जैसे – “विषय”, “अंक”, “प्रतिशत” आदि।

5. इकाइयाँ और माप
यदि तालिका में संख्यात्मक आंकड़े हैं, तो उसकी इकाई (जैसे प्रतिशत, रूपये, छात्र संख्या) स्पष्ट रूप से दर्शाई जानी चाहिए।

6. स्रोत (Source)
यदि तालिका का डेटा किसी अन्य स्रोत से लिया गया हो, तो तालिका के नीचे “Source:” लिखकर उसका उल्लेख करें।

7. सुसंगत प्रारूपण
सभी तालिकाओं का प्रारूप एक समान होना चाहिए: फ़ॉन्ट, साइज, हेडिंग शैली, लाइन स्पेसिंग आदि।

8. व्याख्या (Interpretation)
प्रत्येक तालिका के बाद उसमें दिए गए आँकड़ों की व्याख्या करनी चाहिए कि उससे क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है।

8. चित्रों (Illustrations) का प्रयोग

    चित्रों, ग्राफ़ और चार्ट्स को भी क्रम संख्या के साथ प्रस्तुत किया जाता है, जैसे: Figure 1। नीचे उसका विवरण (Caption) दिया जाता है।

1. चित्र/आलेख की परिभाषा
चित्र, ग्राफ़, चार्ट, मानचित्र, आरेख आदि को "Illustrations" कहा जाता है, जो विषय को दृश्य रूप में स्पष्ट करते हैं।

2. क्रम संख्या और शीर्षक
हर चित्र को "Figure 1", "Figure 2" आदि क्रम से अंकित किया जाता है और नीचे उसका शीर्षक लिखा जाता है।
जैसे:
Figure 2: भारत में साक्षरता दर का ग्राफ

3. चित्र का स्थान
चित्र लेख में उस स्थान पर रखें जहाँ उसका उल्लेख किया गया हो, ताकि पाठक तुरंत संबंधित चित्र देख सकें।

4. चित्र का स्वरूप और स्पष्टता
चित्र उच्च गुणवत्ता वाले हों, अस्पष्ट या धुंधले चित्रों से बचें। रंगों और रेखाओं का प्रयोग स्पष्टता हेतु करें।

5. ग्राफ और चार्ट के प्रकार
रेखीय ग्राफ (Line Graph), स्तंभ चार्ट (Bar Chart), पाई चार्ट (Pie Chart), स्कैटर प्लॉट आदि का चयन डाटा के प्रकार पर आधारित हो।

6. लेबलिंग और इकाइयाँ
चित्र के सभी घटकों को उचित रूप से लेबल करें – जैसे: X-अक्ष, Y-अक्ष, प्रतिशत, वर्षों के नाम आदि।

7. व्याख्या और संदर्भ
चित्रों के नीचे संक्षिप्त विवरण देना आवश्यक है, साथ ही यह भी बताना कि उससे कौन-सी जानकारी या निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं।

9. संक्षेपण (Abbreviations)

    शब्दों को संक्षेप में लिखते समय पहले उसका पूरा रूप और फिर ब्रैकेट में उसका संक्षिप्त रूप दिया जाता है। जैसे: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)। इसके बाद पूरे लेख में केवल 'ISRO' लिखा जा सकता है।

1. संक्षेपण की परिभाषा
संक्षेपण का अर्थ है किसी शब्द, वाक्यांश या संस्था के नाम को संक्षिप्त रूप में लिखना, जैसे – UNESCO (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization)

2. पहली बार पूरा नाम लिखें
जब किसी संक्षेप का पहली बार प्रयोग करें, तब पहले उसका पूरा नाम और फिर ब्रैकेट में संक्षिप्त रूप लिखें। जैसे:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)

3. आगे केवल संक्षेप प्रयोग करें
इसके बाद उसी लेख में केवल "ISRO" का ही प्रयोग करें, दोबारा पूरा नाम लिखने की आवश्यकता नहीं।

4. मानक संक्षेपों का प्रयोग करें
केवल वही संक्षेपण उपयोग करें जो सामान्यतः स्वीकृत हों। स्वयं बनाए गए संक्षेपों से बचें जब तक वे स्पष्ट न हों।

5. अवधि (Dot) का प्रयोग
कुछ संक्षेपों में बिंदु (dot) लगाया जाता है जैसे: e.g., i.e., आदि। परंतु कुछ में नहीं, जैसे: WHO, NASA

6. व्याकरणिक समानता बनाए रखें
यदि वाक्य में कोई संक्षेप एकवचन है तो क्रिया भी एकवचन होनी चाहिए। जैसे: UNESCO is a global organization.

10. अक्षर बड़े-छोटे (Capitalization)

    सिर्फ वाक्य की शुरुआत, विशेष संज्ञाएं (जैसे India, Psychology), और शीर्षक के प्रमुख शब्दों के पहले अक्षर बड़े होते हैं।

1. वाक्य की शुरुआत
हर वाक्य की शुरुआत बड़े अक्षर से होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी भाषा में हो।

2. विशेष संज्ञाएँ (Proper Nouns)
देश, राज्य, नाम, संस्थाएँ आदि के पहले अक्षर बड़े होने चाहिए। जैसे: India, Rajasthan, Ministry of Education

3 शीर्षकों में पूँजीकरण
यदि किसी पुस्तक, अध्याय या रिपोर्ट का शीर्षक लिखा जा रहा है, तो प्रत्येक मुख्य शब्द का पहला अक्षर बड़ा किया जाता है।

4. सामान्य शब्दों में नहीं
सामान्य शब्द जैसे "शिक्षा", "समाज", "शोध" आदि को वाक्य के बीच में बड़े अक्षरों से नहीं लिखना चाहिए जब तक वे किसी शीर्षक या नाम का भाग न हों।

 11. विराम-चिह्नों (Punctuation) का प्रयोग

    पूर्णविराम (।), अल्पविराम (,), अर्द्धविराम (;) आदि का सही स्थान पर प्रयोग लेख को स्पष्ट और पढ़ने योग्य बनाता है। उद्धरणों के बाद पूर्णविराम उद्धरण चिह्न के अंदर आता है – जैसे: "यह सत्य है।"

1. पूर्णविराम (।)
हिंदी में पूर्णविराम वाक्य के अंत में लगाया जाता है। यह अंग्रेजी के ‘.’ के समकक्ष होता है।

2. अल्पविराम (,)
जब किसी वाक्य में एक से अधिक वस्तुओं, नामों या सूचनाओं की सूची हो, तो उनके बीच अल्पविराम का प्रयोग करें।

3. अर्द्धविराम (;)
दो स्वतंत्र लेकिन संबंधित वाक्यों को जोड़ने के लिए अर्द्धविराम का उपयोग किया जाता है।

4. उद्धरण चिन्ह (" ")
किसी दूसरे के कथन या विशेष शब्दों को दर्शाने के लिए उद्धरण चिन्हों का प्रयोग होता है। जैसे: उसने कहा, "मुझे पढ़ना पसंद है।"

5. कोष्ठक (Parentheses)
अतिरिक्त या स्पष्टीकरणात्मक जानकारी को कोष्ठकों () में दिया जाता है। जैसे: (देखें: रिपोर्ट 2022)

12. अंकों का उपयोग (Use of Numbers)

    एक से नौ तक के अंक शब्दों में और 10 से अधिक अंकों को अंकों में लिखा जाता है। जैसे: तीन छात्र, 25 प्रतिभागी। लेकिन सांख्यिकीय विश्लेषण में हमेशा अंकों का प्रयोग करें।

1. एक से नौ तक शब्दों में
अंकों को 1 से 9 तक शब्दों में और 10 या उससे अधिक को अंकों में लिखा जाता है। जैसे: तीन छात्र, 15 पुस्तकें।

2. वैज्ञानिक व तकनीकी लेखन में अंकों का प्रयोग
यदि लेख तकनीकी, सांख्यिकीय या वैज्ञानिक हो, तो सभी संख्याएँ अंकों में ही लिखी जाती हैं। जैसे: 3 मीटर, 25%

3. वाक्य की शुरुआत में शब्दों का प्रयोग
वाक्य की शुरुआत कभी भी अंकों से नहीं की जाती। उदाहरण:
10 छात्र उपस्थित थे।
दस छात्र उपस्थित थे।

4. दशमलव और प्रतिशत
अंश और प्रतिशत को हमेशा संख्यात्मक रूप में लिखा जाता है। जैसे: 25.5%, 3.14

5. क्रमिक संख्याएँ (Ordinal Numbers)
प्रथम, द्वितीय, तृतीय या 1st, 2nd, 3rd आदि का प्रयोग शैली के अनुसार करें। हिंदी में – प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान आदि।

13. शैली की एकरूपता (Uniformity of Style)

    पूरा लेख एक ही शैली (जैसे APA, MLA, Chicago) में होना चाहिए। उद्धरण, संदर्भ, फुटनोट आदि सभी उसी के अनुसार हों।

14. स्पष्टता और संक्षिप्तता (Clarity and Conciseness)

    शैली स्पष्ट, सीधी और संक्षिप्त होनी चाहिए। जटिल वाक्य, कठिन शब्दावली और अनावश्यक विवरण से बचें।

15. भाषा की औपचारिकता (Formality of Language)

    शोध लेखन में औपचारिक भाषा प्रयोग की जाती है। व्यक्तिगत भावनाएं, अनौपचारिक शब्द या हास्य से परहेज़ करें।

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