Ex-post-facto अनुसंधान
1: परिचय एवं परिभाषा
1.1 परिचय:
- Ex-post-facto एक लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'घटना के बाद'।
- इस शोध विधि में शोधकर्ता किसी घटना के घटने के बाद उसके कारणों की पहचान करने का प्रयास करता है।
1.2 परिभाषा:
- “Ex-post-facto अनुसंधान वह विधि है जिसमें कारण और प्रभाव के बीच संबंध का अध्ययन बिना किसी हस्तक्षेप के किया जाता है, क्योंकि घटना पहले ही घट चुकी होती है।”
1.3 मुख्य उद्देश्य:
- प्रभाव के संभावित कारणों की पहचान करना
- प्रयोग न कर पाने वाले क्षेत्रों में अध्ययन करना
- साक्ष्य एकत्र कर परिघटना के कारणों को समझना
2: विशेषताएँ (Characteristics)
2.1 कार्यकारण संबंध की खोज:
- यह विधि कारण और प्रभाव की पहचान करती है, लेकिन प्रयोग के बिना।
2.2 स्वतंत्र चरों का नियंत्रण नहीं:
- शोधकर्ता स्वतंत्र चर को नियंत्रित नहीं कर सकता क्योंकि वह पहले ही घट चुका होता है।
2.3 तथ्यात्मक विश्लेषण:
- केवल उपलब्ध आंकड़ों और घटनाओं के आधार पर विश्लेषण किया जाता है।
2.4 यादृच्छिक चयन का अभाव:
- प्रतिभागियों का चयन पहले से तय होता है।
2.5 उदाहरण:
- क्या अकेलापन अवसाद का कारण है?
- क्या मातृ शिक्षा बच्चों की उपलब्धि को प्रभावित करती है?
3: प्रक्रिया और तकनीकें
3.1 समस्या की पहचान:
- ऐसी समस्या का चयन करना जो पहले घट चुकी हो और उसके कारणों की खोज की जानी हो।
3.2 सैद्धांतिक आधार:
- संभावित कारणों की पहचान हेतु पूर्व शोध और सिद्धांतों का अध्ययन।
3.3 प्रत्याशित चरों की पहचान:
- स्वतंत्र और आश्रित चरों को चिन्हित करना।
3.4 आंकड़ा संग्रहण:
- प्रश्नावली, अभिलेख, प्रेक्षण, साक्षात्कार आदि से डेटा संग्रह।
3.5 सांख्यिकीय विश्लेषण:
- कारण और प्रभाव के बीच संबंध जानने हेतु उपयुक्त सांख्यिकीय विधियाँ (जैसे सहसंबंध, प्रतिगमन) प्रयोग की जाती हैं।
4: लाभ और सीमाएँ
4.1 लाभ:
- प्रयोग न कर पाने वाली स्थितियों में उपयोगी।
- वास्तविक जीवन की स्थितियों में अनुसंधान की सुविधा।
- आर्थिक और व्यावहारिक दृष्टि से किफायती।
4.2 सीमाएँ:
- कारण और प्रभाव की स्पष्टता नहीं होती।
- नियंत्रित वातावरण की कमी के कारण निष्कर्ष सीमित होते हैं।
- भ्रमित करने वाले कारकों के कारण परिणाम अस्थिर हो सकते हैं।
- स्वतंत्र चरों पर नियंत्रण का अभाव।
5: उपयोगिता, तुलना और निष्कर्ष
5.1 शैक्षिक क्षेत्र में उपयोग:
- छात्रों के प्रदर्शन, पारिवारिक पृष्ठभूमि, मानसिक स्वास्थ्य आदि पर शोध।
5.2 अन्य क्षेत्रों में उपयोग:
- समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, अपराधशास्त्र, चिकित्सा आदि।
5.3 अन्य विधियों से तुलना:
पहलू
प्रयोगात्मक शोध
Ex-post-facto शोध
नियंत्रण
उच्च
नहीं
लागत
अधिक
कम
व्यावहारिकता
सीमित
अधिक
कारण-प्रभाव स्पष्टता
स्पष्ट
सीमित
5.4 निष्कर्ष:
- Ex-post-facto शोध उन परिस्थितियों में उपयोगी होता है जहाँ प्रयोग संभव नहीं होता।
- यह सामाजिक व्यवहार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में साक्ष्य प्रदान करता है, यद्यपि इसके निष्कर्षों की पुष्टि हेतु अन्य विधियाँ आवश्यक हो सकती हैं।
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Dr. D R BHATNAGAR
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