विश्वसनीयता (Reliability)
1. परिभाषा (Definition)
विश्वसनीयता का अर्थ है — किसी परीक्षण या उपकरण द्वारा एक ही परिस्थिति में बार-बार प्रयोग करने पर समान, स्थिर और सुसंगत परिणाम प्राप्त होना।
सरल शब्दों में: यदि कोई मापन यंत्र बार-बार मापने पर एक जैसे परिणाम देता है, तो वह विश्वसनीय है।
2. महत्त्व (Importance)
• परीक्षण की स्थिरता और भरोसेमंदता का संकेत
• त्रुटिरहित और दोहराने योग्य परिणाम
• वैज्ञानिक शोध और मूल्यांकन की गुणवत्ता में वृद्धि
3. विश्वसनीयता के प्रकार (Types of Reliability)
(a) पुनः परीक्षण विधि (Test-Retest Reliability)
• एक ही परीक्षण को एक ही समूह पर दो बार देना
• दोनों बार के स्कोर का सहसंबंध निकालना
• उच्च सहसंबंध = अधिक विश्वसनीयता
लाभ: स्थिरता मापने में सहायक
सीमा: समय का अंतर बाहरी प्रभाव ला सकता है
(b) समानांतर रूप विधि (Parallel Forms Reliability)
• एक जैसे दो परीक्षण तैयार करना
• दोनों को एक ही समूह को देना
• दोनों के स्कोर की तुलना करना
लाभ: विषयवस्तु विविधता से सुरक्षा
सीमा: दोनों परीक्षणों को समान बनाना कठिन
(c) आंतरिक सुसंगतता (Internal Consistency Reliability)
• परीक्षण के भीतर सभी प्रश्नों की आपसी संगति को मापता है
उप-प्रकार:
1. स्प्लिट-हाफ विधि (Split-Half Method): परीक्षण को दो भागों में बाँटना और स्कोर की तुलना करना
2. क्रोनबाक अल्फा (Cronbach’s Alpha): सभी आइटम्स के बीच सहसंबंध का औसत मापना
α > 0.70 → अच्छी विश्वसनीयता
(d) स्कोरर विश्वसनीयता (Inter-rater Reliability)
• जब एक ही उत्तर को विभिन्न मूल्यांकनकर्ता जांचते हैं
• स्कोर की तुलना से मूल्यांकन की समानता मापी जाती है
लाभ: निष्पक्ष मूल्यांकन सुनिश्चित करता है
सीमा: मूल्यांकनकर्ताओं के प्रशिक्षण पर निर्भर
4. विश्वसनीयता गुणांक (Reliability Coefficient)
• गुणांक 0 से 1 के बीच होता है
गुणांक
व्याख्या
0.90 – 1.00
उत्कृष्ट विश्वसनीयता
0.80 – 0.89
बहुत अच्छी
0.70 – 0.79
स्वीकार्य
0.60 – 0.69
सीमित
< 0.60
अविश्वसनीय
5. विश्वसनीयता और त्रुटि (Reliability and Error)
• कोई भी परीक्षण 100% त्रुटिरहित नहीं होता
• त्रुटि = प्रेक्षित स्कोर - वास्तविक स्कोर
• त्रुटि कम करने का अर्थ है विश्वसनीयता बढ़ाना
6. विश्वसनीयता को बढ़ाने के उपाय (Ways to Improve Reliability)
• स्पष्ट और संक्षिप्त प्रश्नावली
• पर्याप्त संख्या में प्रश्न
• सरल निर्देश
• पूर्व-परीक्षण (पायलट टेस्ट)
• मूल्यांकनकर्ताओं का प्रशिक्षण
7. विश्वसनीयता और वैधता में अंतर
क्र.सं.
बिंदु
विश्वसनीयता (Reliability)
वैधता (Validity)
1.
परिभाषा
यह दर्शाता है कि परीक्षण बार-बार प्रयोग करने पर कितनी स्थिरता और समानता के साथ परिणाम देता है।
यह दर्शाता है कि परीक्षण वास्तव में वही चीज माप रहा है जिसे वह मापना चाहता है।
2.
उद्देश्य
परिणामों में स्थिरता और दोहराव क्षमता सुनिश्चित करना।
परिणामों की सटीकता और यथार्थता सुनिश्चित करना।
3.
फोकस
परिणामों की संगति (consistency) पर।
मापन की उपयुक्तता और प्रामाणिकता पर।
4.
परस्पर संबंध
वैध परीक्षण हमेशा विश्वसनीय होता है।
विश्वसनीय परीक्षण आवश्यक नहीं कि वैध भी हो।
5.
उदाहरण
टूटा तराजू हर बार एक ही गलत वजन दिखाए → विश्वसनीय पर वैध नहीं।
यदि IQ टेस्ट बुद्धिमत्ता को ही मापे → वैध।
6.
परीक्षण का परिणाम
परिणाम समान होने चाहिए, भले ही वे सही न हों।
परिणाम सही होने चाहिए, भले ही थोड़े अलग हों।
7.
प्रकार (Types)
1. पुनः परीक्षण विश्वसनीयता 2. समानांतर रूप \3. आंतरिक सुसंगतता \4. स्कोरर विश्वसनीयता
1. सामग्री वैधता \2. मानदंड-संबंधी वैधता \3. संरचनात्मक वैधता \4. चेहरे की वैधता
8.
निर्धारण का तरीका
सहसंबंध गुणांक (Correlation coefficient) द्वारा।
विशेषज्ञ राय, मानदंड तुलना, सांख्यिकीय विश्लेषण द्वारा।
9.
मानक सीमा (Acceptable range)
0.70 या अधिक → अच्छी विश्वसनीयता।
कोई निश्चित संख्या नहीं, उद्देश्य की पूर्ति पर निर्भर करता है।
10.
सुधार के उपाय
• स्पष्ट निर्देश \• अधिक आइटम \ • प्रशिक्षित मूल्यांकनकर्ता \• पायलट परीक्षण
• विशेषज्ञ समीक्षा \• उपयुक्त वस्तु चयन \• पायलट परीक्षण \• आँकड़ा विश्लेषण
11.
अर्थ
परीक्षण के परिणामों की स्थिरता
परीक्षण का सही चीज मापना
12.
ज़रूरी
आवश्यक है
अत्यावश्यक है
13.
संबंध
वैध परीक्षण हमेशा विश्वसनीय होता है
विश्वसनीय परीक्षण आवश्यक नहीं कि वैध हो
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Dr. D R BHATNAGAR
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मंगलवार, 10 जून 2025
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