बुधवार, 18 जून 2025

IASEs और CTEs की भूमिका और कार्य

 

IASEs (Institute of Advanced Studies in Education) और

CTEs (College of Teacher Education) की

भूमिका और कार्य

IASE (शिक्षा में उच्च अध्ययन संस्थान) की भूमिका और कार्य:

  1. शिक्षक शिक्षा में गुणवत्ता सुधार:
    IASE
    का मुख्य उद्देश्य शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना और उसे उन्नत बनाना है।
  2. पूर्व-सेवा और सेवा-पूर्व शिक्षक प्रशिक्षण:
    प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन।
  3. शैक्षिक अनुसंधान को बढ़ावा देना:
    विद्यालयी शिक्षा से संबंधित समस्याओं पर शोध कार्य कराना तथा उनके समाधान हेतु सुझाव देना।
  4. नवाचार और प्रयोग:
    शिक्षण विधियों में नवीन प्रयोगों को बढ़ावा देना और उनके परिणामों का मूल्यांकन करना।
  5. संसाधन केंद्र के रूप में कार्य:
    आसपास के जिलों के लिए शैक्षिक संसाधनों और परामर्श का केंद्र बनना।
  6. शैक्षिक दस्तावेज़ीकरण और प्रकाशन:
    शोध पत्र, रिपोर्ट, पुस्तिकाएँ आदि तैयार करना और प्रकाशित करना।
  7. क्षेत्रीय समन्वय:
    संबंधित CTEs, DIETs और विद्यालयों के साथ सहयोग और समन्वय स्थापित करना।

 CTE (शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय) की भूमिका और कार्य:

  1. माध्यमिक शिक्षा स्तर के शिक्षक प्रशिक्षण:
    माध्यमिक स्तर के शिक्षकों को प्रशिक्षित करना (पूर्व-सेवा और सेवा में रहते हुए)।
  2. क्षमता विकास कार्यक्रम:
    कार्यरत शिक्षकों के लिए Refresher Courses, Orientation Courses आदि चलाना।
  3. शिक्षण विधियों में नवाचार:
    शिक्षण के नए तरीकों और तकनीकों को लागू करना व प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करना।
  4. शैक्षिक अनुसंधान को प्रोत्साहन:
    क्षेत्रीय स्तर पर विद्यालयी शिक्षा से संबंधित अनुसंधान को प्रेरित करना।
  5. विद्यालयों के साथ संपर्क और सहायता:
    CTE
    से जुड़े विद्यालयों को अकादमिक और तकनीकी सहयोग देना।
  6. ICT का प्रयोग:
    सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करके शिक्षक प्रशिक्षण को प्रभावी बनाना।
  7. शिक्षण सामग्री का विकास:
    स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षण सामग्री का विकास और वितरण।

  IASE और CTE की तुलनात्मक सारणी (Comparative Table in Hindi)

क्रम संख्या

तुलना का आधार

IASE (शिक्षा में उच्च अध्ययन संस्थान)

CTE (शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय)

1.

स्थापना का उद्देश्य

उच्च स्तर की शिक्षक शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देना।

माध्यमिक शिक्षा स्तर के शिक्षकों के प्रशिक्षण को सशक्त बनाना।

2.

स्थापना की प्रक्रिया

केंद्र सरकार द्वारा चयनित SCERT/कॉलेज को अपग्रेड कर स्थापित किया जाता है।

विश्वविद्यालयों या कॉलेजों को CTE के रूप में चयनित किया जाता है।

3.

प्रमुख फोकस क्षेत्र

पूर्व-सेवा, इन-सेवा प्रशिक्षण, नवाचार, और शोध।

मुख्यतः इन-सेवा प्रशिक्षण और शिक्षक विकास।

4.

स्तर

प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक।

माध्यमिक स्तर तक सीमित।

5.

शिक्षक प्रशिक्षण की प्रकृति

गहन प्रशिक्षण और विषयगत विशेषज्ञता।

सामान्य प्रशिक्षण और शिक्षण विधियों पर केंद्रित।

6.

प्रशिक्षण का क्षेत्र

जिला या संभागीय स्तर पर विस्तृत।

संबंधित ज़िले या क्षेत्र तक सीमित।

7.

अनुसंधान कार्य

शिक्षा क्षेत्र में शोध और प्रयोग को बढ़ावा।

सीमित स्तर पर शैक्षिक शोध को प्रोत्साहन।

8.

नवाचार और प्रयोग

शिक्षण विधियों में नवाचार को विकसित करना और मूल्यांकन करना।

प्रयोगात्मक शिक्षण तकनीकों का अनुप्रयोग।

9.

ICT का उपयोग

आधुनिक तकनीकों और ICT के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित करना।

ICT को लागू करना, लेकिन सीमित संसाधनों के साथ।

10.

शैक्षिक दस्तावेज़ीकरण

शोध पत्र, रिपोर्ट, अध्ययन सामग्री का प्रकाशन और दस्तावेज़ीकरण।

सीमित शिक्षण सामग्री का निर्माण और उपयोग।

11.

संसाधन केंद्र के रूप में भूमिका

क्षेत्रीय शैक्षिक संस्थानों के लिए प्रमुख शैक्षिक संसाधन केंद्र।

विद्यालयों के लिए अकादमिक सहायता केंद्र।

12.

समन्वय की भूमिका

विश्वविद्यालय, CTE, DIET, SCERT आदि के साथ समन्वय।

IASE और स्थानीय विद्यालयों से संपर्क और सहयोग।

13.

पाठ्यक्रम विकास में भूमिका

शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम को अद्यतन और प्रासंगिक बनाने में सहयोग।

लागू पाठ्यक्रम का पालन और क्रियान्वयन।

14.

कार्य विस्तार

पूरे राज्य या क्षेत्र के लिए प्रभावी कार्य।

स्थानीय स्तर पर सीमित प्रभाव क्षेत्र।

15.

गुणवत्ता मानकों पर प्रभाव

राष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुसार प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करना।

क्षेत्रीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण का प्रयास।

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Dr. D R BHATNAGAR  

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