सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण - DPEP के अंतर्गत
1. प्रशिक्षण का उद्देश्य:
· शिक्षकों की शिक्षण दक्षता में सुधार करना।
· बाल केंद्रित, गतिविधि आधारित और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देना।
· शिक्षकों को नई शिक्षण विधियों, समकालीन शैक्षिक दृष्टिकोणों से अवगत कराना।
2. प्रशिक्षण की अवधि:
· प्रत्येक शिक्षक को प्रति वर्ष 20 दिन का इन-सर्विस प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
· प्रशिक्षण का आयोजन खंड स्तर (Block level) व समूह स्तर (Cluster level) पर हुआ।
3. प्रशिक्षण के माध्यम:
· DIETs (District Institute of Education and Training) द्वारा प्रशिक्षण मॉड्यूल का निर्माण।
· BRCs एवं CRCs द्वारा कार्यान्वयन।
· विद्याशाखा विशेषज्ञों, मास्टर ट्रेनर्स एवं प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण संचालन।
4. प्रशिक्षण के प्रमुख विषय:
· बाल केंद्रित शिक्षण विधियाँ
· नवाचार और गतिविधि आधारित शिक्षण
· शिक्षण सामग्री का निर्माण (TLM)
· शिक्षकों की कक्षा प्रबंधन क्षमता
· आकलन एवं मूल्यांकन तकनीकें
· समावेशी शिक्षा और बाल अधिकार
5. प्रशिक्षण की विशेषताएँ:
· स्थानीय भाषाओं और लोकज्ञान को महत्व दिया गया।
· बालकों के अधिगम स्तर के आधार पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।
· शिक्षकों को ऑन-साइट अकादमिक सपोर्ट भी दिया गया।
· फील्ड विजिट, समूह कार्य, विचार मंथन, और प्रस्तुति जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं।
6. निरंतर निगरानी एवं फीडबैक:
· प्रशिक्षण के प्रभाव का आकलन फीडबैक फॉर्म, अवलोकन, और फॉलो-अप बैठकों से किया गया।
· शिक्षक की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण मॉड्यूल को संशोधित किया जाता था।
7. सफलताएँ:
· शिक्षकों की व्यावहारिक दक्षता में सुधार।
· शिक्षण-पद्धतियों में नवाचार का समावेश।
· TLM निर्माण की आदत विकसित हुई।
· विद्यालयों में शिक्षण की गुणवत्ता में वृद्धि देखी गई।
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Dr. D R BHATNAGAR
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