रविवार, 27 जुलाई 2025

टीम-टीचिंग (Team Teaching)

 

टीम-टीचिंग (Team Teaching)

 1. परिभाषा (Definition):

टीम-टीचिंग एक ऐसी शिक्षण विधि है जिसमें दो या दो से अधिक शिक्षक मिलकर योजनाबद्ध रूप से एक ही विषय या पाठ को सामूहिक रूप से विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। यह सहयोगात्मक शिक्षण का उदाहरण है।

2. उद्देश्य (Objectives):

  • शिक्षण को बहुआयामी और गहन बनाना।
  • शिक्षकों की विशेषज्ञता और संसाधनों का बेहतर उपयोग करना।
  • विद्यार्थियों की विविध अधिगम आवश्यकताओं को पूरा करना।
  • सहशिक्षण और समन्वय की भावना विकसित करना।

3. प्रमुख विशेषताएँ (Key Features):

बिंदु

विवरण

1

दो या अधिक शिक्षक एक ही समय में या योजना अनुसार एक ही कक्षा में पढ़ाते हैं।

2

विषय के अनुसार कार्य का विभाजन होता है (जैसे – एक शिक्षक व्याख्या करता है, दूसरा उदाहरण देता है)।

3

यह सहभागिता, सहयोग और साझा उत्तरदायित्व पर आधारित होता है।

4

शिक्षण योजना, प्रस्तुतीकरण और मूल्यांकन सभी साझा रूप से किए जाते हैं।

 

4. टीम-टीचिंग की प्रक्रिया (Steps of Team Teaching):

चरण

विवरण

1

सामूहिक योजना बनानाशिक्षक मिलकर पाठ योजना और शिक्षण विधियों का चयन करते हैं।

2

कार्य का विभाजनकौन क्या पढ़ाएगा, कैसे पढ़ाएगा – इसका स्पष्ट निर्धारण।

3

सह-शिक्षण (Co-teaching)निर्धारित क्रम में कक्षा में शिक्षण किया जाता है।

4

प्रश्नोत्तर और पुनरावृत्तिशिक्षक छात्रों की शंकाओं का समाधान करते हैं।

5

सामूहिक मूल्यांकनविद्यार्थियों की प्रगति का आकलन सभी शिक्षक मिलकर करते हैं।

5. प्रकार (Types of Team Teaching):

प्रकार

विवरण

 समानांतर शिक्षण (Parallel Teaching)

शिक्षक कक्षा को दो समूहों में बाँटते हैं और अलग-अलग समूहों को पढ़ाते हैं।

 सह-शिक्षण (Co-Teaching)

दोनों शिक्षक एक साथ एक ही कक्षा में रहते हैं और मिलकर पढ़ाते हैं।

 पर्यवेक्षी शिक्षण (One Teach, One Observe)

एक शिक्षक पढ़ाता है, दूसरा छात्रों के व्यवहार का निरीक्षण करता है।

 स्थानापन्न शिक्षण (Alternative Teaching)

एक शिक्षक मुख्य कक्षा में पढ़ाता है, दूसरा विशेष जरूरत वाले छात्रों को अलग से मार्गदर्शन देता है।


6. लाभ (Advantages):

बिंदु

विवरण

1

शिक्षण में विविधता आती है और गुणवत्ता बढ़ती है।

2

छात्रों को अलग-अलग शिक्षकों की शैली से सीखने का अवसर मिलता है।

3

विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को अतिरिक्त सहायता मिलती है।

4

शिक्षकों के बीच सहयोग और आपसी समझ बढ़ती है।

5

शिक्षण सामग्री और संसाधनों का साझा उपयोग होता है।

7. सीमाएँ (Limitations):

बिंदु

विवरण

1

सभी शिक्षकों में अच्छा समन्वय होना आवश्यक है, जो हमेशा संभव नहीं होता।

2

योजना बनाने में अधिक समय और प्रयास लगता है।

3

यदि भूमिकाएँ स्पष्ट न हों तो भ्रम की स्थिति हो सकती है।

4

कुछ शिक्षक सहयोग को पसंद नहीं करते या अपने तरीकों में बदलाव नहीं करना चाहते।

8. शिक्षक की भूमिका (Role of Teachers in Team Teaching):

  • मिलकर पाठ्य योजना बनाना।
  • पारस्परिक सहयोग और संवाद बनाए रखना।
  • एक-दूसरे के दृष्टिकोण का सम्मान करना।
  • समय, विषय और मूल्यांकन में समन्वय करना।

निष्कर्ष (Conclusion):

टीम-टीचिंग एक आधुनिक, सहयोगात्मक और प्रभावी शिक्षण रणनीति है जो साझा योजना, सहभागिता और विविधता के माध्यम से छात्रों को बेहतर अधिगम अनुभव प्रदान करती है। यह न केवल शिक्षकों के बीच समन्वय को बढ़ाती है बल्कि विद्यार्थियों को विषय की गहराई से समझने में भी सहायता करती है।

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