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शैक्षिक उद्देश्यों का निर्माण (Formulation of Educational Objectives), पारंपरिक बनाम आधुनिक दृष्टिकोण, सामग्री विश्लेषण (Content Analysis), कार्य विश्लेषण (Task Analysis), मापदंड आधारित परीक्षण (Criterion-Referenced Test) और मानक आधारित परीक्षण (Norm-Referenced Test)"
1. शैक्षिक उद्देश्यों का निर्माण (Formulation of Educational Objectives)
परिभाषा (Definition):
शैक्षिक उद्देश्य वे अभिलक्षित लक्ष्य होते हैं जिन्हें शिक्षक चाहते हैं कि छात्र शिक्षण के अंत में प्राप्त करें – जैसे ज्ञान, कौशल, अभिवृत्ति या मूल्यों का विकास।
उद्देश्यों का निर्माण
शिक्षण उद्देश्यों का निर्माण करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाता है:
- छात्र की पूर्व जानकारी (Previous Knowledge)
- पाठ्यवस्तु की प्रकृति (Nature of Content)
- सीखने की अपेक्षित स्थिति (Learning Outcomes)
- मूल्यांकन के मानदंड (Assessment Criteria)
उदाहरण:
यदि पाठ "मानव पाचन तंत्र" है, तो उद्देश्य यह हो सकता है –
"छात्र पाचन तंत्र के अंगों की पहचान कर सकें और उनके कार्यों को समझा सकें।"2. पारंपरिक बनाम आधुनिक दृष्टिकोण (Traditional vs. Modern Approach in Objectives)
पहलु
पारंपरिक दृष्टिकोण
आधुनिक दृष्टिकोण
केन्द्रबिंदु
विषयवस्तु (Content-Centered)
छात्र (Learner-Centered)
उद्देश्य की प्रकृति
सामान्य, अस्पष्ट
विशिष्ट, मापनीय
शिक्षण की भूमिका
शिक्षक का प्रभुत्व
शिक्षक एक मार्गदर्शक
सीखने का फोकस
ज्ञान स्मरण
ज्ञान + कौशल + मूल्य + विश्लेषण
उदाहरण
"भारत का इतिहास पढ़ाना"
"विद्यार्थी स्वतंत्रता आंदोलन के कारणों की पहचान कर सकेंगे"
आधुनिक दृष्टिकोण ब्लूम का उद्देश्यों का वर्गीकरण (Bloom's Taxonomy) अपनाता है –
ज्ञान (Knowledge), समझ (Comprehension), प्रयोग (Application), विश्लेषण (Analysis), संश्लेषण (Synthesis), मूल्यांकन (Evaluation)3. विषयवस्तु विश्लेषण (Content Analysis)
परिभाषा:
विषयवस्तु विश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसमें पाठ्यपुस्तक, पाठ या इकाई के प्रमुख बिंदुओं, अवधारणाओं और विचारों को पहचान कर व्यवस्थित किया जाता है ताकि उन्हें प्रभावी रूप से सिखाया जा सके।
मुख्य उद्देश्य:
- पाठ का विभाजन करना
- मुख्य अवधारणाओं को पहचानना
- अनुक्रमित शिक्षण योजना बनाना
उदाहरण:
अगर पाठ है – “पृथ्वी की आंतरिक संरचना”
विषयवस्तु विश्लेषण:
- पृथ्वी के स्तर: क्रस्ट, मैन्टल, कोर
- उनकी मोटाई, घटक, तापमान आदि
4. कार्य विश्लेषण (Task Analysis)
परिभाषा:
Task Analysis एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी कार्य को छोटे-छोटे उप-कार्य (Sub-Tasks) या चरणों में विभाजित किया जाता है, ताकि छात्रों को आसानी से सिखाया जा सके।
उद्देश्य:
- छात्रों की पूर्व क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए जटिल कार्यों को सरल बनाना
- शिक्षण की क्रमिक योजना बनाना
उदाहरण:
मुख्य कार्य: "एक गणितीय समीकरण हल करना"
उप-कार्य:
- समीकरण की पहचान
- समान पदों का सरलीकरण
- समीकरण के दोनों पक्षों पर समान क्रिया
- उत्तर की जाँच
5. मापदंड आधारित परीक्षण (Criterion-Referenced Test - CRT)
परिभाषा:
यह परीक्षण किसी विशेष शैक्षिक उद्देश्य या मानदंड के विरुद्ध छात्र के प्रदर्शन को मापता है – न कि अन्य छात्रों की तुलना में।
मुख्य विशेषताएँ:
- प्रत्येक छात्र का मूल्यांकन पूर्व निर्धारित मानकों के आधार पर
- परिणाम: "किया / नहीं किया" (Mastered / Not Mastered)
- Pass/Fail, Grade A/B/C आदि भी CRT का हिस्सा हो सकते हैं
उदाहरण:
यदि मानदंड है: “छात्र 10 में से कम-से-कम 7 गुणनफल सही कर सकें”
तो जो छात्र 7 या उससे अधिक करते हैं, वे मानदंड को प्राप्त माने जाते हैं।6. मानक आधारित परीक्षण (Norm-Referenced Test - NRT)
परिभाषा:
इस परीक्षण में छात्रों के प्रदर्शन की तुलना अन्य छात्रों के प्रदर्शन के साथ की जाती है।
मुख्य विशेषताएँ:
- तुलना-आधारित मूल्यांकन (Ranking)
- उद्देश्य: यह जानना कि छात्र समूह में कहां खड़ा है
- प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य
उदाहरण:
NEET, JEE, NET जैसी परीक्षाएँ – जहाँ छात्रों को उनके अंकों के आधार पर रैंक मिलती है।
CRT बनाम NRT का तुलनात्मक विश्लेषण
विशेषता
मापदंड आधारित (CRT)
मानक आधारित (NRT)
तुलना किससे
मानदंड से
अन्य छात्रों से
उद्देश्य
क्या छात्र ने लक्ष्य हासिल किया?
छात्र का स्थान क्या है?
उदाहरण
मासिक परीक्षा, यूनिट टेस्ट
प्रतियोगी परीक्षाएँ
रिपोर्टिंग
Mastery / Non-Mastery
Percentile / Rank
फोकस
सीखने का मूल्यांकन
समूह में स्थिति का आकलन
निष्कर्ष (Conclusion):
शिक्षा के उद्देश्यों का सुव्यवस्थित निर्माण, शिक्षण की सफलता की कुंजी है।
पारंपरिक दृष्टिकोण अब आधुनिक, विशिष्ट और मापनीय उद्देश्यों में रूपांतरित हो गया है।
विषयवस्तु विश्लेषण और कार्य विश्लेषण से पाठ और कार्यों को क्रमबद्ध और सरल बनाया जा सकता है।
CRT और NRT जैसे परीक्षण शिक्षा प्रणाली में सीखने की गुणवत्ता और सापेक्ष प्रदर्शन को मापने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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