शिक्षक शिक्षा में सहयोगात्मक भागीदारी
(Collaborative Partnership in Teacher Education)
ब्लॉग पर टिप्पणी और फ़ॉलो जरूर करे ।शिक्षक शिक्षा एक साझा उत्तरदायित्व है, जिसमें कई संस्थाएं मिलकर काम करती हैं ताकि गुणवत्ता युक्त और व्यावसायिक रूप से सक्षम शिक्षक तैयार किए जा सकें। इन संस्थाओं के बीच सहयोग निम्न प्रकार से होता है:
1. सरकारी एजेंसियाँ (Government Agencies)
प्रमुख भूमिका:
- नीति निर्माण
- वित्तीय सहायता
- मान्यता और नियमन
- गुणवत्ता मानक तय करना
प्रमुख संस्थाएँ:
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT)
- राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE)
- राज्य शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (SCERTs)
- उच्च शिक्षा आयोग (UGC)
- समग्र शिक्षा अभियान
कार्य:
- शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का निर्माण
- प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करना
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुसार बदलाव लागू करना
- प्रशिक्षण कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग
2. विश्वविद्यालय (Universities)
भूमिका:
- B.Ed., M.Ed., D.El.Ed जैसे शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित करना
- शोध कार्य को बढ़ावा देना
- उच्च स्तरीय शैक्षिक प्रशिक्षण प्रदान करना
सहयोग:
- विश्वविद्यालय NCTE के दिशा-निर्देशों के तहत पाठ्यक्रम डिजाइन करते हैं
- NCERT और SCERT द्वारा तैयार सामग्री को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करते हैं
- स्कूलों और NGOs के साथ फील्ड वर्क और इंटर्नशिप के लिए तालमेल बनाते हैं
3. गैर-सरकारी संगठन (NGOs)
भूमिका:
- नवाचार, अनुसंधान, और प्रशिक्षण में सहायता
- ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में वैकल्पिक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम
- शिक्षक विकास कार्यशालाएँ, सेमिनार, मॉड्यूल आदि विकसित करना
उदाहरण:
- Azim Premji Foundation
- Pratham
- TISS (Tata Institute of Social Sciences)
- Eklavya
- Digantar
सहयोग:
- स्कूलों और शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ संयुक्त प्रोजेक्ट
- नीति-निर्माताओं को जमीनी स्तर की फीडबैक देना
- ICT आधारित शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम
4. शिक्षक शिक्षा संस्थान (Teacher Education Institutions - TEIs)
प्रकार:
- DIETs (जिला स्तरीय संस्थान)
- CTEs (College of Teacher Education)
- IASEs (Institute of Advanced Study in Education)
- B.Ed./M.Ed. कॉलेज
कार्य:
- प्रारंभिक और इन-सर्विस शिक्षक प्रशिक्षण
- पेडागॉजी, मूल्य शिक्षा, ICT, समावेशी शिक्षा पर फोकस
- विद्यालयों के साथ फील्ड इंटर्नशिप का समन्वय
सहयोग:
- SCERT और विश्वविद्यालयों के साथ पाठ्यक्रम समन्वय
- NGOs के साथ संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम
- शिक्षकों की कार्यशालाओं और मूल्यांकन कार्यक्रमों में सरकारी एजेंसियों का सहयोग
संस्थानिक समन्वय का महत्व:
- गुणवत्ता सुधार: हर स्तर पर तालमेल से प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होता है।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: हर संस्था अपनी भूमिका निभाती है और एक-दूसरे को सहयोग देती है।
- नवाचार का आदान-प्रदान: NGOs और विश्वविद्यालय नए विचारों को सरकारी तंत्र में लाने का माध्यम बनते हैं।
- जमीनी स्तर से जुड़ाव: स्कूल, शिक्षक, और समुदाय के साथ सीधा संवाद संभव होता है।
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