शिक्षकों की दक्षता, प्रतिबद्धता और प्रदर्शन को बढ़ाने से संबंधित मुद्दे
(Issues Related to Enhancing Teacher Competence, Commitment and Teacher Performance)
ब्लॉग पर टिप्पणी और फ़ॉलो जरूर करे ताकि हर नयी पोस्ट आपकों मेल पर मिलें।शिक्षा व्यवस्था में शिक्षक की भूमिका केंद्रीय होती है। यदि शिक्षक दक्ष, प्रतिबद्ध और प्रभावशाली रूप से कार्य कर रहा हो, तभी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित हो सकती है। लेकिन वर्तमान परिदृश्य में शिक्षकों की दक्षता (Competence), प्रतिबद्धता (Commitment) और प्रदर्शन (Performance) को बढ़ाने के प्रयासों में कई समस्याएँ व बाधाएँ हैं।
1. शिक्षक दक्षता (Teacher Competence) से संबंधित मुद्दे
शिक्षक दक्षता क्या है?
शिक्षक की विषय-वस्तु की समझ, शिक्षण विधियों की जानकारी, तकनीकी दक्षता और कक्षा प्रबंधन कौशल को समग्र रूप से ‘दक्षता’ कहा जाता है।
सम्बंधित प्रमुख समस्याएँ:
- अपर्याप्त प्रारंभिक प्रशिक्षण – B.Ed. या अन्य पाठ्यक्रमों में व्यावहारिक ज्ञान व तकनीकी प्रशिक्षण का अभाव।
- विषय विशेषज्ञता की कमी – कई बार शिक्षक उस विषय में पढ़ा रहे होते हैं जिसमें उन्होंने विशेषज्ञता हासिल नहीं की।
- ICT व डिजिटल साक्षरता का अभाव – स्मार्ट क्लास, ई-लर्निंग और तकनीकी उपकरणों का उपयोग करने में शिक्षक असहज होते हैं।
- नवीनतम शिक्षण विधियों की जानकारी का अभाव – जैसे- ब्लूम टैक्सोनॉमी, फ्लिप्ड क्लासरूम, मूल्यांकन तकनीक आदि।
- अवसरों की कमी – सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित और व्यावहारिक नहीं होते, जिससे कौशलों का विकास नहीं हो पाता।
2. शिक्षक प्रतिबद्धता (Teacher Commitment) से संबंधित मुद्दे
शिक्षक प्रतिबद्धता क्या है?
शिक्षक का अपने कार्य, विद्यार्थियों, विद्यालय और समाज के प्रति समर्पण व निष्ठा।
सम्बंधित प्रमुख समस्याएँ:
- अत्यधिक कार्यभार – शिक्षण कार्य के साथ प्रशासनिक कार्यों का बोझ प्रतिबद्धता को प्रभावित करता है।
- प्रेरणा की कमी – प्रोन्नति की अनिश्चितता, वेतन असमानता, और सामाजिक मान्यता की कमी से उत्साह घटता है।
- कार्य परिवेश की समस्याएँ – विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का अभाव, संसाधनों की कमी, या सहयोगी वातावरण न होना।
- शिक्षक की भूमिका की उपेक्षा – नीति निर्माण या निर्णय प्रक्रिया में शिक्षकों की भागीदारी नहीं होने से वे स्वयं को अलग-थलग महसूस करते हैं।
- निरंतर निगरानी के दबाव – केवल निगरानी आधारित तंत्रों से शिक्षक स्वयं को नियंत्रित महसूस करते हैं, न कि प्रेरित।
3. शिक्षक प्रदर्शन (Teacher Performance) से संबंधित मुद्दे
शिक्षक प्रदर्शन क्या है?
शिक्षक की वास्तविक कक्षा में शिक्षण प्रभावशीलता, छात्रों के सीखने में प्रगति, और समग्र विद्यालय विकास में योगदान।
सम्बंधित प्रमुख समस्याएँ:
- प्रदर्शन का स्पष्ट मापदंड नहीं – यह निर्धारित नहीं किया जाता कि "अच्छे प्रदर्शन" के तत्व क्या होंगे।
- मूल्यांकन प्रणाली की कमजोरी – शिक्षक प्रदर्शन का उचित, पारदर्शी और बहुआयामी मूल्यांकन नहीं किया जाता।
- प्रशिक्षण और प्रदर्शन में असंगति – प्रशिक्षण में जो सिखाया गया, उसका विद्यालय स्तर पर उपयोग नहीं किया जा पाता।
- समर्थनात्मक व्यवस्था का अभाव – प्रदर्शन सुधार के लिए कोचिंग, मेंटरशिप या सहयोगी शिक्षक व्यवस्था का अभाव।
- छात्रों की विविधता की चुनौती – विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के साथ प्रभावी ढंग से काम करने के लिए विशेष प्रशिक्षण नहीं दिया जाता।
निष्कर्ष (Conclusion):
शिक्षकों की दक्षता, प्रतिबद्धता और प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए ज़रूरी है कि—
- प्रशिक्षण कार्यक्रम व्यावहारिक, स्थानीय और अद्यतन हों,
- शिक्षकों को एक प्रेरक, सम्मानजनक और सहयोगी वातावरण मिले,
- मूल्यांकन और निगरानी में सुधार हो और यह शिक्षक के विकास के लिए किया जाए,
- नवाचारों, डिजिटल शिक्षा, और समावेशी शिक्षण की सुविधाएँ सुनिश्चित की जाएँ।
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