शनिवार, 26 जुलाई 2025

अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी (Instructional Technology)

अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी (Instructional Technology) 


 

1. अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी 

    अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी जिसे हिंदी में अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी कहा जाता है, शिक्षा और प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी, व्यवस्थित और वैज्ञानिक बनाने की एक आधुनिक पद्धति है। इसका उद्देश्य शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को तकनीकी सहायता, सिद्धांत और संसाधनों के माध्यम से अधिक प्रभावशाली और छात्र-केंद्रित बनाना है।

    अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी एक ऐसी प्रणाली है जो शिक्षण-अधिगम को अधिक प्रभावी, संगठित, उद्देश्यपरक और तकनीकी रूप से समर्थ बनाती है। इसमें शैक्षिक सिद्धांत, प्रौद्योगिकी उपकरण, मीडिया और व्यवस्थित शिक्षण योजना शामिल होती है।

    अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी एक ऐसी प्रक्रिया है जो शिक्षण को वैज्ञानिक तरीके से डिज़ाइन, प्रस्तुत और मूल्यांकित करती है जिससे छात्र प्रभावी ढंग से सीख सकें।”

 2. अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी की परिभाषा (Definition of Instructional Technology)

 शिक्षाशास्त्रियों के अनुसार:

- Commission on Instructional Technology (1960): Instructional Technology is the media born of communication revolution which can be used for instructional purposes alongside the teacher, textbook and blackboard.”

अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी संचार क्रांति से उत्पन्न वह मीडिया है जिसे शिक्षक, पाठ्यपुस्तक और ब्लैकबोर्ड के साथ मिलाकर शिक्षण उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रयोग किया जाता है।”

- Gagne: अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी is a systematic way of designing, carrying out and evaluating the total process of learning and teaching in terms of specific objectives.”

अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी एक व्यवस्थित प्रक्रिया है जिसमें विशेष उद्देश्यों के अनुसार अधिगम और शिक्षण की पूरी प्रक्रिया का रूपरेखा निर्माण, निष्पादन और मूल्यांकन किया जाता है।”

G.O.M. Leith (1967): अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी is concerned with the planning, development, evaluation and management of the instructional process.”

Finn (1960): Instructional Technology is the systematic and scientific application of technology to achieve instructional goals.”

UNESCO (1984): Instructional Technology is a systematic way of designing, implementing and evaluating the total process of learning and teaching in terms of specific objectives, based on research in human learning and communication.”

2. विकासात्मक क्रम (Developmental Evolution)

अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी का विकास तीन चरणों में हुआ है:

चरण

प्रमुख तत्व

दृष्टिकोण

1. पारंपरिक चरण

ब्लैकबोर्ड, चार्ट, शिक्षक

Teacher-Centred

2. इलेक्ट्रॉनिक चरण

रेडियो, टेलीविजन, फिल्में

Media-Based

3. डिजिटल चरण

कंप्यूटर, ई-लर्निंग, LMS

Learner-centred

3. उद्देश्य (Objectives of Instructional Technology)

  1. अधिगम प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाना
  2. शिक्षा को गुणात्मक और प्रभावी बनाना
  3. शिक्षा में नवीनतम तकनीक का प्रयोग
  4. शिक्षक और शिक्षार्थी दोनों की दक्षता बढ़ाना
  5. शिक्षा में व्यावहारिकता और प्रयोगात्मक दृष्टिकोण लाना

4. मुख्य घटक (Major Components)

घटक

कार्य

 उद्देश्यों का निर्धारण

क्या सिखाना है और क्यों

 विषयवस्तु का चयन

क्या पढ़ाया जाएगा

विधियों का निर्धारण

कैसे पढ़ाया जाएगा

मीडिया और उपकरण

किन साधनों का प्रयोग होगा

अधिगमकर्ता की विशेषताएँ

उनकी उम्र, क्षमता, रुचि

मूल्यांकन

शिक्षण की प्रभावशीलता की जांच

5. अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी की प्रमुख विशेषताएँ (Key Characteristics)

क्र.

विशेषता

विवरण

1

उद्देश्यपरक

यह स्पष्ट अधिगम उद्देश्यों पर आधारित होती है।

2

योजनाबद्ध प्रक्रिया

शिक्षण के सभी घटकों (उद्देश्य, विधि, मूल्यांकन आदि) को एक व्यवस्था में जोड़ती है।

3

प्रौद्योगिकी आधारित

इसमें हार्डवेयर (उपकरण) और सॉफ्टवेयर (सामग्री) दोनों का समावेश होता है।

4

समस्या समाधान की प्रक्रिया

शिक्षण में आने वाली समस्याओं का विश्लेषण कर, उपयुक्त समाधान प्रस्तुत करती है।

5

मूल्यांकन पर आधारित

प्रत्येक चरण पर फीडबैक और मूल्यांकन आवश्यक होता है।

6. अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी के प्रकार (Types of Instructional Technology)

1. Hardware Approach (हार्डवेयर दृष्टिकोण):

  • भौतिक साधनों का प्रयोग — जैसे: टेलीविजन, रेडियो, प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, स्मार्ट बोर्ड इत्यादि।
  • यह उपकरण आधारित शिक्षण को बढ़ावा देता है।

2. Software Approach (सॉफ्टवेयर दृष्टिकोण):

  • शैक्षिक सिद्धांतों, सामग्री एवं अनुदेशन विधियों का समावेश।
  • जैसे: पाठ योजना, शिक्षण रणनीतियाँ, ई-कंटेंट, पीपीटी, LMS प्लेटफॉर्म।

3. Systems Approach (प्रणाली दृष्टिकोण):

  • शिक्षण को एक "सिस्टम" मानकर उसके सभी घटकों (उद्देश्य, सामग्री, विधियाँ, मूल्यांकन) के बीच समन्वय  करता है।
  • यह सबसे व्यापक और प्रभावशाली दृष्टिकोण है।

7. कार्यप्रणाली (Working Process of Instructional Technology)

Instructional Design Model के आधार पर अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी इस प्रक्रिया पर कार्य करती है:

  •          Learning Objectives तय करें 
  •          Learners की आवश्यकता और स्तर का विश्लेषण करें 
  •          उपयुक्त सामग्री और संसाधन चुनें 
  •          शिक्षण विधियाँ तय करें 
  •          मीडिया और टूल्स का निर्धारण करें 
  •          शिक्षण को क्रियान्वित करें 
  •          मूल्यांकन और फीडबैक लें 
  •          सुधार करें

8. लाभ (Advantages / Merits)

लाभ

विवरण

अधिगम की गुणवत्ता में सुधार

दृश्य, श्रव्य और अंतःक्रियात्मक शिक्षण से सीखना प्रभावी होता है

समय और श्रम की बचत

विषयवस्तु का व्यवस्थित और योजनाबद्ध प्रस्तुतिकरण

उद्देश्यपरक मूल्यांकन

Learning Outcomes के आधार पर मूल्यांकन

दूरस्थ शिक्षा संभव

डिजिटल संसाधनों से कहीं भी शिक्षा संभव

विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता

ऑडियो-विजुअल साधनों से रुचि जागृत होती है

9. सीमाएँ (Limitations)

चुनौती

विवरण

 प्रशिक्षण की आवश्यकता

सभी शिक्षक तकनीक में दक्ष नहीं होते

 उपकरणों की उपलब्धता

ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधनों की कमी

 मानवीय तत्व की कमी

अत्यधिक तकनीक से मानवीय संपर्क घटता है

 तकनीकी खराबियाँ

नेटवर्क, बिजली, हार्डवेयर समस्याएँ

 

10. अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी का महत्व (Importance / Uses)

क्षेत्र

उपयोग

 शिक्षक प्रशिक्षण

शिक्षकों को आधुनिक तकनीकों से लैस करना

 कक्षा शिक्षण

विषय को रोचक, सजीव और संवादात्मक बनाना

 दूरस्थ शिक्षा

ऑनलाइन/ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म पर शिक्षण

 विशेष आवश्यकता वाले बच्चे

वैकल्पिक संचार उपकरण, ऑडियो/विजुअल सामग्री का प्रयोग

 मूल्यांकन

ऑनलाइन टेस्ट, LMS आधारित मूल्यांकन आदि

11. अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी और शिक्षण में अंतर 
(Instructional Technology vs. Teaching) 

बिंदु

शिक्षण (Teaching)

अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी 

स्वरूप

परंपरागत प्रक्रिया

वैज्ञानिक व तकनीकी प्रक्रिया

माध्यम

शिक्षक आधारित

सामग्री व तकनीक आधारित

उद्देश्य

ज्ञान स्थानांतरण

अधिगम उद्देश्यों की पूर्ति

मूल्यांकन

कभी-कभी

प्रत्येक चरण पर अनिवार्य

112. शैक्षिक क्षेत्रों में उपयोग (Applications in Education)

क्षेत्र

उपयोग

 कक्षा शिक्षण

स्मार्ट बोर्ड, PPT, मॉडल्स

 शिक्षक प्रशिक्षण

ICT आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम

 उच्च शिक्षा

LMS, MOOC, ऑनलाइन कोर्स

 विशेष शिक्षा

स्पेशल टूल्स, टेक्स्ट-टू-स्पीच सॉफ़्टवेयर

 मूल्यांकन

ई-टेस्ट, ऑनलाइन परीक्षा, रिजल्ट एनालिसिस

निष्कर्ष (Conclusion)

    अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन है। यह शिक्षण को अधिक वैज्ञानिक, योजनाबद्ध, उद्देश्यपरक और प्रभावी बनाती है। जब शिक्षक इसका सटीक और संतुलित उपयोग करते हैं, तो शिक्षा न केवल रोचक बनती है, बल्कि सीखने की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार होता है।

    अनुदेशात्मक प्रौद्योगिकी शिक्षा में गुणवत्ता, प्रभावशीलता और समयबद्धता लाने का एक सशक्त साधन है। यह न केवल शिक्षकों को आधुनिक बनाता है, बल्कि विद्यार्थियों के अधिगम अनुभव को अधिक गहन, दृश्यात्मक और आत्मनिर्भर बनाता है। भविष्य की शिक्षा प्रणाली में इसका उपयोग और अधिक अनिवार्य होता जा रहा है।

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