सोमवार, 14 जुलाई 2025

"जनगणना- संपूर्ण भारत निर्माण सॉफ्टवेयर”

 

"जनगणना- संपूर्ण भारत निर्माण सॉफ्टवेयर” 

एक समेकित डिजिटल जनगणना एवं नागरिक डेटाबेस प्रणाली का प्रस्ताव

    भारत में 2026 में प्रस्तावित जनगणना, केवल जनसंख्या गणना का एक पारंपरिक प्रयास न होकर, आज के डिजिटल युग में एक समग्र राष्ट्रीय डेटा समन्वयन अभियान के रूप में पुनर्कल्पित की जानी चाहिए। इसके माध्यम से न केवल धन और संसाधनों की बचत हो सकेगी, बल्कि विभिन्न विभागीय सूचनाओं का एकीकृत और अद्यतन डिजिटल प्लेटफॉर्म भी विकसित किया जा सकता है।

1. समेकित डेटा संग्रह की रणनीति

जनगणना के दौरान जब जनगणनाकर्मी घर-घर जाकर सूचनाएँ एकत्र करते हैं, उसी समय अन्य महत्वपूर्ण आंकड़े भी एकत्र किए जा सकते हैं, जैसे:

  1. आधार कार्ड
  2. राशन कार्ड
  3. चुनाव पहचान पत्र
  4. ड्राइविंग व अन्य लाइसेंस
  5. स्वास्थ्य एवं टीकाकरण विवरण
  6. जातिगत व सामाजिक आंकड़े
  7. संपत्ति एवं पशुधन
  8. बैंक, पैन व पेंशन संबंधी विवरण
  9. गरीबी रेखा व लाभार्थी डेटा
  10. व्यवसाय व वाहन विवरण

2. पहचान दस्तावेज़ों के निर्माण की व्यवस्था

जनगणनाकर्मियों के साथ एक विशेष डिजिटल सेवा दल भी गठित किया जाए, जो जिन नागरिकों के पास निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेज़ नहीं हैं, उनके मौके पर दस्तावेज़ बना सके:

  1. मतदाता पहचान पत्र
  2. राशन कार्ड
  3. मूल निवास व जाति प्रमाण पत्र
  4. बैंक खाता खोलना

3. डिजिटल प्रणाली का विकास

एक सुरक्षित और बहुस्तरीय सॉफ़्टवेयर प्लेटफॉर्म विकसित किया जाए जो:

  1. सभी प्रकार के आंकड़े समेट सके
  2. डिजिटल साक्षर नागरिकों को स्वयं डेटा अपडेट करने की सुविधा दे
  3. जनगणनाकर्मी द्वारा भौतिक सत्यापन से जानकारी की पुष्टि हो सके

4. दीर्घकालिक उपयोगिता

यह सॉफ़्टवेयर ऐसा होना चाहिए जो:

  1. नए जन्म व मृत्यु की जानकारी रियल टाइम में अपडेट कर सके
  2. डिजिटल लॉकर से लिंक होकर सभी प्रमाण-पत्रों को डिजिटली सुरक्षित रख सके
  3. शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग व अन्य क्षेत्रों की जानकारी को एकीकृत कर सके

5. लाभ एवं प्रभाव

इस समेकित प्रणाली से अनेक दूरगामी लाभ होंगे:

  1. जनसंख्या प्रमाणीकरण की प्रक्रिया से भविष्य में जनगणना की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी
  2. आतंकवाद एवं अवैध घुसपैठ पर रोक लगेगी, क्योंकि बिना डिजिटल सत्यापन कोई भी प्रणाली में सम्मिलित नहीं होगा
  3. भ्रष्टाचार में कमी आएगी, फर्जीवाड़ा रुकेगा
  4. नीति निर्माण एवं क्रियान्वयन अधिक सटीक होगा क्योंकि वास्तविक समय का डेटा उपलब्ध होगा
  5. आय से अधिक संपत्ति रखने वालों की पहचान संभव होगी
  6. केंद्र सरकार की भूमिका सशक्त होगी व जनता से सीधा संवाद स्थापित हो सकेगा
  7. केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थी सीधे चिन्हित होंगे
  8. जनता को वास्तविक लाभ समय पर प्राप्त होंगे
  9. गलत गतिविधियों में संलग्न लोगों की हिम्मत टूटेगी

निष्कर्ष:

    जनगणना 2026 को "संपूर्ण भारत निर्माण सॉफ्टवेयर" की दिशा में पहला कदम बनाकर, इसे एक डिजिटल समावेशन अभियान में रूपांतरित किया जाना चाहिए। यदि सभी विभाग, योजनाएँ व सेवाएँ एकीकृत प्लेटफॉर्म पर जुड़ती हैं, तो यह न केवल भारत को डिजिटल शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाएगा बल्कि गवर्नेंस की परिभाषा को ही बदल देगा।


भारत देश का जागरूक नागरिक 
 डॉ. डूंगा राम भटनागर
                         रीडर
 शाह गोवर्धन लाल काबरा शिक्षक महाविद्यालय (C. T. E.),
 गीता भवन के पास, जोधपुर। 342003
मो. +91 72220 05216 
Email-dungarambhatnagar@gmail.com 

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