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सम्मेलन / कॉन्फ़्रेंस (Conference)
1. परिभाषा (Definition):
कॉन्फ़्रेंस एक औपचारिक और संगठित सभा होती है, जिसमें किसी विशेष विषय या समस्या पर विभिन्न विद्वानों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं या विशेषज्ञों द्वारा शोधपत्र प्रस्तुत किए जाते हैं, विचार-विमर्श होता है तथा समाधान प्रस्तावित किए जाते हैं।
कॉन्फ़्रेंस एक ऐसा मंच है जहाँ विभिन्न प्रतिभागी अपने-अपने विचार या शोध प्रस्तुत करते हैं और गहन चर्चा करते हैं।
2. उद्देश्य (Objectives):
- किसी विषय पर नवीनतम जानकारी और शोध प्रस्तुत करना।
- विचारों का आदान-प्रदान और नेटवर्किंग को बढ़ावा देना।
- जटिल समस्याओं पर विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करना।
- नवाचार, शोध और नीति निर्माण में सहयोग करना।
- विद्यार्थियों और शिक्षकों को व्यापक दृष्टिकोण देना।
3. मुख्य विशेषताएँ (Key Features):
- औपचारिक और संगठित आयोजन।
- बहु-वक्ता प्रणाली: विभिन्न वक्ता अपने शोध या विचार प्रस्तुत करते हैं।
- पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम: समय और विषय अनुसार सत्रों का निर्धारण।
- प्रश्नोत्तर और चर्चा का अवसर।
- शोधपत्रों या प्रस्तुति का प्रकाशन भी संभव।
- राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन।
4. प्रक्रिया (Process):
- विषय और उद्देश्य निर्धारण: सम्मेलन किस विषय पर आधारित होगा, यह तय किया जाता है।
- आयोजन समिति का गठन: आयोजन, समन्वय और मूल्यांकन हेतु।
- प्रस्ताव आमंत्रण (Call for Papers): शोधकर्ताओं से लेख आमंत्रित किए जाते हैं।
- शोधपत्रों की समीक्षा: प्राप्त लेखों की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है।
- सत्रों का आयोजन: उद्घाटन, तकनीकी सत्र, पैनल चर्चा, समापन आदि।
- प्रस्तुति और संवाद: शोधकर्ता अपना शोध प्रस्तुत करते हैं और संवाद होता है।
- प्रकाशन: शोधपत्रों को संकलित कर प्रकाशित किया जाता है (प्रोसीडिंग्स)।
- प्रशंसा और निष्कर्ष: प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और धन्यवाद दिया जाता है।
5. प्रकार (Types of Conference):
- शैक्षणिक सम्मेलन (Academic Conference): शिक्षा, विषयवस्तु या शोध से संबंधित।
- वैज्ञानिक सम्मेलन (Scientific Conference): विज्ञान व तकनीक से जुड़े विषयों पर।
- साहित्यिक सम्मेलन: साहित्य, भाषा, कविता, लेखन आदि पर केंद्रित।
- नीतिगत सम्मेलन (Policy Conference): सरकार, संस्थानों द्वारा नीति निर्माण हेतु।
- अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन: वैश्विक विषयों पर विभिन्न देशों के विशेषज्ञों द्वारा।
- ऑनलाइन सम्मेलन (Virtual Conference): डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से।
6. लाभ (Advantages):
- विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं से सीधा संवाद संभव होता है।
- नवीनतम शोध, विचार और प्रौद्योगिकी की जानकारी मिलती है।
- प्रस्तुति कौशल, आलोचनात्मक सोच और नेटवर्किंग में वृद्धि होती है।
- विद्यार्थियों को प्रेरणा और ज्ञानवर्धन का अवसर मिलता है।
- शोध और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग और समन्वय को बल मिलता है।
7. सीमाएँ (Limitations):
- आयोजन महंगा और समय-साध्य होता है।
- सभी प्रतिभागी सक्रिय रूप से भाग नहीं ले पाते।
- भाषण/प्रस्तुति में दोहराव या विषय से भटकाव संभव।
- तकनीकी सत्र अधिक जटिल या बोझिल हो सकते हैं।
- आयोजन स्थल की भौगोलिक सीमा कुछ प्रतिभागियों को रोक सकती है।
8. शिक्षक की भूमिका (Role of Teacher):
- सम्मेलन में सहभागिता और प्रस्तुति देना।
- विद्यार्थियों को सम्मेलन में भाग लेने हेतु प्रेरित करना।
- शोधपत्र लेखन व प्रस्तुति के लिए मार्गदर्शन करना।
- आयोजन समिति में योगदान देना।
- प्रस्तुत विषयों का विश्लेषण कर कक्षा शिक्षण से जोड़ना।
- विद्यार्थियों में जिज्ञासा और शोध के प्रति रुचि विकसित करना।
9. निष्कर्ष (Conclusion):
कॉन्फ़्रेंस एक महत्वपूर्ण शिक्षण और संवाद मंच है, जो विचारों के आदान-प्रदान, नवीन ज्ञान की प्राप्ति और समस्याओं के समाधान की दिशा में उपयोगी सिद्ध होता है। यह विद्यार्थियों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए शैक्षणिक विकास का प्रभावी साधन है।
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