सोमवार, 16 जनवरी 2023

खोजपूर्ण प्रश्न कौशल (PROBING QUESTION SKILL)

 खोजपूर्ण प्रश्न कौशल  

(PROBING QUESTION SKILL)

    अध्यापक पाठ विकास के लिये तो कभी छात्रों को विषय का किताना ज्ञान है यह जानने के लिये प्रश्न करता है कई बार अध्यापक यह भी पता लगाना चाहता है कि छात्र जानने के लिये प्रश्न करता है कई बार अध्यापक यह भी पता लगाना चाहता है कि छात्र सोच समझ कर उत्तर दे रहे है अथवा नहीं इस हेतु वह खोज पूर्ण प्रश्नों का सहारा लेता है।

खोज पूर्ण प्रश्नों का प्रयोग

इसका प्रयोग निम्न अवस्थाओं में किया जाता है-

1. कक्षा में जब कोई विद्यार्थी किसी प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थता प्रकट करे या अधूरा उत्तर दे तों शिक्षक ऐसा प्रश्न कर सकता हैं जिससे विद्यार्थी को पहले पूछे गये प्रश्न को हल करने का संकेत दिया गया हो।

2. कक्षा में जब विद्यार्थी किसी प्रश्न का सही उत्तर दे भी देते है तो शिक्षक को उनसे और अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिये इसे विस्तृत सूचना प्राप्त तकनीक कहते है।

3. कई बार शिक्षक विद्यार्थियों का ध्यान केन्द्रित करने कि लिये खोजपूर्ण प्रश्न पूछ सकता है।

4. कक्षा में यदि शिक्षक अपने विद्यार्थियों को समस्या के समीक्षकों से परिचित करवाना चाहता है तो वह एक ही प्रश्न की भाषा में थोड़ा बहुत परिवर्तन करके कई विद्यार्थियों से प्रश्न पूछ सकता है।

5. कक्षा में विद्यार्थियों की चिन्तन शक्ति के विकास के लिये शिक्षक क्यों वाले प्रश्न पूछ सकता है इस प्रकार के प्रश्न से विद्यार्थी अभिप्रेरित होकर चिन्तन की प्रक्रिया में संलिप्त हो जाते हैं।

खोज पूर्ण कौशल के घटक

1. संकेत देना /अनुबोधन

2. विस्तृत सूचना प्राप्ति

3. पुनःकेन्द्रीयकरण

4. पुनःप्रेषण

5. आलोचनात्मक सजगता

1. संकेत देना- कक्षा में विद्यार्थी जब किसी प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थता प्रकट करें या स्पष्ट रूप से स्वीकार कर ले कि मैं नहीं जानता या ज्ञात नही ंतो शिक्षक ऐसे प्रश्न पूछ सकता है कि जिसमें विद्यार्थी को पहले प्रश्न के उत्तर का संकेत दिया हो।

2. विस्तृत सूचना प्राप्ति - विद्यार्थी द्वारा आंशिक उत्तर प्राप्त होने पर शिक्षक इस प्रकार के प्रश्न पूछ सकता है। उत्तर तो सही है लेकिन कुछ और बताओ, या अपने उत्तर को विस्तार से बताओं इस प्रकार शिक्षक विद्यार्थी से अधिक सूचनाएँ एकत्रित कर सकता है। 

3. पुनः केन्द्रीकरण - अनेक वार कक्षा में शिक्षक विद्यार्थियों के उत्तरों से सन्तुष्ट नहीं होते है। वे विद्यार्थियों का ध्यान विभिन्न परिस्थितियों की ओर आकृर्षित कर सकते है। जिनमें समस्याएँ पैदा हो सकती है। 

4. पुन प्रेषण - कक्षा में शिक्षक एक ही प्रश्न को विभिन्न विद्यार्थियों से पूछकर विभिन्न उत्तर प्राप्त करके उनमें चिन्तन शक्ति का विकास करना चाहता है। 

5. आलोचनात्मक सजगता - इस घटक में क्यों और कैसे वाले प्रश्न पूछे जाते है। इन प्रश्नों से शिक्षक विद्यार्थियों में आलोचनात्मक सजगता का विकास करता है। 



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Dr. D R BHATNAGAR 

 
https://drbhatnagar.blogspot.com/2023/01/skill-of-fluency-of-questions.html



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