मंगलवार, 3 जनवरी 2023

आधुनिक शिक्षा या रटन्त प्रणाली का पुनः उद्भव

 आधुनिक शिक्षा या रटन्त प्रणाली का पुनःउद्भव

वर्तमान में शिक्षा अपनी लक्ष्य से भटक रही है। उसका सबसे बड़ा कारण परीक्षा प्रणाली व मूल्यांकन प्रणाली मे अंको को देखना है न की व्यवहार मे तथ्य का स्पष्टीकरण होना है। 

बच्चें को बाल कविता सावधान की मुद्रा मे बोलने को कहना मुझे तो बड़ा ही विचित्र लगता है। 

गिनती व जोड, बाकी, गुणा, भाग को केवल एक विधा से 'समझाना मुझे तो व्यवहारिक जीवन से दूर लगता है।

किसी तथ्य को हम क्यों पढ़ रहे हैं? उसके उद्देश्य के बारे मे बच्चे को अनभिज्ञ रखना तो समझ से परे लगता है। 

कहानी को तो रोचकता व सही से पढ़ना तो ठीक है पर उसके शिक्षा को बताने मे निरसता रखना हजम नही होता।

अंग्रेजी विषय को कक्षा 3 से पढ़ना लेकिन दैनिक जीवन मे हजारो अंग्रेजी के शब्द बोल-चाल मे काम में लेना क्या उचित हैं। 

निजी शिक्षण संस्थान के विद्यार्थी व अध्यापक तो शायद सरकार तंत्र व देश का हिस्सा ही नही हे उनके बारे मे निर्णय नहीं लेना सरकार द्वारा क्या यह सही है?......... 

 

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                Dr. D R BHATNAGAR  

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