गुरुवार, 21 मई 2020

जनगणना 2021 के लिए अनूठा प्रयास

जनगणना 2021 के लिए अनूठा प्रयास
हमारे देश में 2021 में जनगणना होना प्रस्तावित है जिसके लिए पूर्व की भांति लाखों करोड़ों खर्च भी होना है इसी को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाओं का एक साथ समायोजन पूर्ण कार्य करवाना ताकि देश के धन का अप व्यय रोका जा सके। 
  1. जनगणना के समय जनगणनाकर्मी देश के नागरिकों से व्यक्तिशः मिलते हैं ऐसे समय कुछ अन्य विभागों हेतु आंकड़ों को भी उसी समय लेकर प्राप्त किया जा सकता है। 
  2.  ये आंकड़े निम्नलिखित से संबंधित हैं-
  •  आधार कार्ड 
  • राशन कार्ड 
  • चुनाव पहचान पत्र 
  • ड्राइविंग लाइसेंस अन्य लाइसेंस 
  • स्वास्थ्य के आंकड़े 
  • जातिगत आंकड़े 
  • पशुधन के आंकड़े 
  • संपत्ति के आंकड़े 
  • पेन व बैंक के आंकड़े 
  • परिलाभ के आंकड़े 
  • पेंशन के आंकड़े 
  • गरीबी रेखा के आंकड़े 
  • व्यवसाय के आंकड़े
  • वाहन के आंकड़े

3. जनगणनाकर्मी साथ एक अन्य टीम बनाकर जिनके निम्नलिखित कार्ड नहीं बने हैं उनको बनवा कर आंकड़ों में शामिल करवाया जा सकता है जैसे - 
    • चुनाव पहचान पत्र 
    • राशन कार्ड पहचान पत्र 
    • मूल निवास व जाति प्रमाण पत्र 
    • बैंक खाता 

4. यह सारा कार्य डिजिटल होना है अतः सॉफ्टवेयर को उसी प्रकार से बना दिया जाए जिसमें यह सारे आंकड़े एकत्रित किए जा सके तथा जो लोग डिजिटल साक्षर हैं उन्हें खुद अपनी डिटेल अपडेट करने को कहा जाए तथा जब जनगणनाकर्मी से मिलने के समय जनगणना अधिकारियों द्वारा इनकी पुष्टि की जा सके। 

5. उपरोक्त सभी कार्य एक ही प्लेटफार्म के सॉफ्टवेयर पर हो तो भविष्य में भी इसको अनवरत जारी रखा जा सकता है तथा नए जन्म लेने वाले और मृत्यु होने वालों की सूचनाएं अपडेट होती रहेगी। 

6. डिजिटल लॉकर वाली व्यवस्था को भी इसी से लिंक किया जा सकता है जिससे नागरिकों के आंकड़े इसमें सुरक्षित रखे जा सकते हैं उनकी शिक्षा से संबंधित आंकड़ों को भी इसमें प्रमाण पत्र के रूप में सहेज के रखा जा सकता है। 
7. ऐसा करने से पूरे देश के नागरिकों का डाटा हमेशा अपडेट रहेगा भविष्य में जनगणना की जगह केवल जनसंख्या प्रमाणीकरण की ही आवश्यकता रहेगी। 

8. जनगणना को भी डिजिटल वेरीफाई के माध्यम से करवाना हमारे देश के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। 

9.  आतंकवादी वह नक्सलवादी लोगों पर इससे नकेल लगेगी क्योंकि बाहर के लोगों का डिजिटली वेरिफिकेशन नहीं हो पाएगा। 
10. भ्रष्टाचार पर नकेल लगेगी
11.  योजना बनाने और लागू करने में आसानी रहेगी क्योंकि सही डाटा हमें मिलेगा। 
12. आय से अधिक संपत्ति के संयोजन होने पर इंडिकेटर वेरीफिकेशन होगा वह इस पर रोक लगेगी। 
13.  संपूर्ण देश का संचालन में केंद्र की भूमिका अहम हो जाएगी। 
14. केंद्र सरकार का जनता से सीधा संवाद रहेगा लोग देश हित में आपसे सीधे जुड़ेंगे। 
15. गलत कार्य करने वालों की हिम्मत टूटेगी। 
16. जनता को सीधे तौर पर केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिलेगा। 
17. वास्तविक लोगों को उचित लाभ मिलेगा। 

जनगणना के समय संपूर्ण विभागों को साथ लेते हुए एक संपूर्ण भारत निर्माण सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही आंकड़ों का संग्रहण व जनता के प्रमाण पत्र और अन्य कार्ड व प्रमाण पत्रों को बनवाया जाए और इन सभी को एक ही प्लेटफार्म पर लाकर कार्य किया जाए ताकि सभी कुछ देश हित में सर्वोपरि रूप से हो सके। 

भारत देश का जागरूक नागरिक 
 डॉ. डूंगा राम भटनागर
                         रीडर
 शाह गोवर्धन लाल काबरा शिक्षक महाविद्यालय (C. T. E.),
 गीता भवन के पास, जोधपुर। 342003
मो. +91 72220 05216 
Email-dungarambhatnagar@gmail.com 






मंगलवार, 5 मई 2020

ऑर्गेनिक फूड संबंधित व्यापार

BUSINESS PART 1
Organic Food related Business
ऑर्गेनिक फूड संबंधित व्यापार



    वर्तमान समय में किसानों का रुझान प्राकृतिक रूप से खेती की तरफ बढ़ रहा है। लेकिन थोड़े से फायदे के लिए कुछ किसान यूरिया एवं अन्य रासायनिक खादों का इस्तेमाल करते हुए खेती में उपज को बढ़ाने के लिए काम में ले रहे हैं ऐसी परिस्थिति में अगर किसानों को विश्वास में लेकर उनसे ऑर्गेनिक खेती करवाई जाए हैं तथा उनको संसाधनों को उपलब्ध करवाये जाए तो किसान इसको अपना सकता है। इस खेती को व्यापार के रूप में कैसे विकसीत किया जाए? इस हेतू मेरे कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं-

  1. Food production network बनाना 
    सर्वप्रथम हमें ऐसे किसानों को चुनना होगा जो ऑर्गेनिक खेती करने को तैयार हों तथा इनका संगठन बना इनको संसाधनों को उपलब्ध करवाना होगा। 
इस खेती से संबंधित विभिन्न प्रकार की सूचनाओं का आदान प्रदान करना होगा जिससे उनको उत्पादन करने में आसानी हो। उनको उनकी फसल को उचित दाम पर बेचने की व्यवस्था भी करनी पड़ेगी। 

  1. Direct selling network बनाना 
    भारतीय समाज में ऐसे लोग भी हैं जो अच्छी चीजों को समझते करते हैं तथा उससे प्राप्त भी करना चाहते हैं उनके उपयोग का महत्व समझते हैं ऐसे लोगों तक इस प्रोडक्ट की जानकारी पहुंचाना और उनका एक नेटवर्क बनाना। 
किसानों की फसल उगने से पहले ही यह लोग उसको खरीद सकें और किसान को अपने जेब से बीज खाद के पैसे नहीं देने पडे। 

  1. Storage and paking center बनाना 
    जब किसान की फसल कट कर गोदामों में आ जाती है उस समय उसकी पैकिंग एवं उसके भंडारण की उचित व्यवस्था होनी चाहिए इस हेतु गांव गांव में कोल्ड स्टोरेज बनाना जिससे किसान महीनों तक अपनी फसल संभाल कर रख सकें एवं भाव आने पर दे सके। इससे किसानों को अपनी फसल का उचित दाम प्राप्त करने में काफी मदद मिलेगी। 

  1. Web and app base selling service system बनाना
    इस मॉडल में किसान की फसल पहले ही खरीद ली जाती है एवं भुगतान समय समय पर किया जाता है इस हेतु एक प्रबंधकीय संस्था द्वारा इसका संचालन किया जाता है उसका कार्य होता है कि इसका लेखा-जोखा रखें वेब आधारित आर्डर ले एवं एवं उपज को गंतव्य स्थान पर पहुंचा कर उसकी कीमत प्राप्त करे।

    व्यापार के इस मॉडल में क्योंकि किसान अपने खेत में प्राकृतिक खाद, प्राकृतिक बीज, प्राकृतिक कीटनाशक का उपयोग करता है जिससे उसको केमिकल खाद, केमिकल उपचारित बीज एवं केमिकल कीटनाशक के प्रयोग से उत्पादित फसल की तुलना में कम फसल प्राप्त होती हैं लेकिन यह पूर्णतया शुद्ध होती हैं इसलिए इसकी कीमत ज्यादा होती है और हर व्यक्ति ऐसी फसल को लेने के लिए ज्यादा पैसे देने को तैयार हैं जिससे किसान को फायदा होता है और उचित प्रबंधन द्वारा अत्यधिक मात्रा में लाभ कमाया जा सकता है। 


शुक्रवार, 1 मई 2020

कोरोना महामारी के दौर में अर्थव्यवस्था को उबारना।

Growing the economy during the Corona Epidemic
कोरोना महामारी के दौर में अर्थव्यवस्था को उबारना। 


    कोरोना संक्रमण से वर्तमान में विश्व की अर्थव्यवस्था डगमगा चुकी है ऐसी स्थिति में इससे कैसे उबरना चाहिए? इसे हेतू कुछ सुझाव अपनाए जा सकते हैं-
 
1- भारतीय अर्थव्यवस्था शुरू से ही कृषि आधारित रही है हमारे पास खेती की जमीन तो बहुत ज्यादा है लेकिन कुछ लोग केवल जमीन प्रॉपर्टी बनाने के लिए लेते हैं और वहां फसल नहीं बोते है तथा सरकारी आंकड़ों में वहां फसल की खाना पूर्ती मिलती है अतः सबसे पहले ऐसी जमीन को चिन्हित किया जाए  तथा वहां खेती हो इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा। 
 
2- वर्तमान में राजस्थान के गांव में बहुत सी ऐसी जमीन है जैसे पड़त व गोचर  जो कई एकड़ हो सकती हैं घास वाली गोचर जमीन को छोड़ दें तो बाकी ऐसी जमीन जहां खेती हो सकती है के लिए सरकार को चाहिए की ऐसी जमीन का हर गांव में पता किया जाए। तथा उसी गांव के ऐसे लोगों को यह जमीन 1-2 साल के लिए उन परिवारों को लीज पर दी जाए जो स्वयं अपने हाथों से खेती करते हैं और जिनके पास खेत नहीं है इससे उन लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार चाहे तो इन लोगों को इस हेतु संसाधन व बीज भी उपलब्ध करा सकती हैं। 
 
3- पिछले कुछ सालों की तरफ गौर से देखें तो राजस्थान में पशुधन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। जिसका सबसे बड़ा कारण चारे की कम उपलब्धता, पशुधन उत्पाद का उचित मूल्य ना मिलना तथा बाजार में मिलावटी उत्पाद की अधिकता है अतः ऐसी परिस्थिति में अगर किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन को प्रोत्साहित किया जाए तो प्राकृतिक खाद प्राप्त होगी तथा पशुधन उत्पाद भी। साथ ही पशु उत्पादन के परिरक्षण, परिवहन और उनके उचित मूल्य पर विक्रय व्यवस्था हो तो लोग इस ओर आकर्षित होंगे। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। 
 
4- राजस्थान का क्षेत्र हमेशा से ही खोज एवं प्राकृतिक संसाधनों के उचित उपयोग में अग्रसर रहा है हमारे यहां सूर्य देवता की अनुपम कृपा है। जिससे हम खिचिया, पापड़ी, राबोड़ी, केर-सांगरी एवं अन्य सूखी सब्जियों का परिरक्षण करते रहे हैं लेकिन हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे गांव में फसलों की उपज के रखरखाव के लिए कोल्ड स्टोरेज का अभाव है जिससे किसान को अपनी उपज को ओने पौने दाम पर बेचना पड़ता है जिससे किसान हमेशा गरीब बना रहता है क्योंकि उपज आते ही उसे बेचना उसकी मजबूरी है अतः सरकार को हर गांव में कोल्ड स्टोरेज खोलकर फसल की उपज को रखने की व्यवस्था हेतु किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए और इन कोल्ड स्टोरेज में बिजली की व्यवस्था हेतु सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन करने की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि किसान अपनी उपज को संभाल कर रख सकें और जब उसको पैसे की जरूरत महसूस हो उस समय वह अपनी उपज बेच सकें मजबूरी में ना बेचे। इससे भी रोजगार का सृजन होगा और गांव के लोगों को रोजगार मिलेगा। 
 
5- महामारी के कारण राजस्थान के प्रवासी, कामगार, मजदूर, श्रमिक आदि जो कि देश और विदेश में रह रहे हैं वे अपने प्रदेश आ रहे हैं।  महामारी की स्थिति को देखते हुए अगले कुछ महीनों तक स्थिति सामान्य होने के आसार कम नजर आ रहा है प्रदेश में एक साथ उनके लिए काम मजदूरी एवं रोजगार की व्यवस्था नहीं की जा सकती अतः विभिन्न उपायों के माध्यम से सभी को खेती से जोड़ा जा सकता है जिससे स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ जाएंगे तथा इन लोगों को काम मिलेगा। 
 
    समस्त उपायों से खेती उत्पादन बढ़ेगा, कोल्ड स्टोरेज से निर्माण क्षेत्र विकसित होगा एवं किसानों को उसकी उपज का उचित दाम मिलेगा। पशुपालन से भी लोगों को फायदा होगा तथा इससे बाजार में रूपए पैसे का चलन बढ़ेगा जिससे बाजार में अर्थव्यवस्था ज्यादा मजबूत होगी। कारखानों को कच्चा माल भी आसानी से उपलब्ध होगा जिससे कल कारखानों मैं भी रोजगार बढ़ेगा। 
 
    सरकार चाहे तो इनको विभिन्न योजनाओं के माध्यम से संसाधन उपलब्ध करा सकती हैं जिससे राजस्थान बहुत जल्द आत्मनिर्भर बन जाएगा। 


मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

बच्चों की परीक्षाएं व मूल्यांकन Covid-19 महामारी में

बच्चों की परीक्षाएं व मूल्यांकन  Covid-19 महामारी में
Children's examinations and evaluation in the Covid-19 pandemic



    वर्तमान समय में पूरा देश कोविड-19 वायरस के बचाव में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है तथा हम लोग कामयाबी की ओर बढ़ भी रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग में इस बात की चर्चा हो रही है कि वे कक्षाएं जिनकी परीक्षाएं नहीं हुई है उनको बिना परीक्षा लिए आगे प्रमोट करें या बाद में परीक्षा ले। 

    वर्तमान परिस्थिति में सभी विद्यार्थियों को एक जगह लाकर परीक्षा लेना खतरे से खाली नहीं है तो ऐसी परिस्थिति में क्या किया जाए ? 

    शिक्षा मनोविज्ञान व शिक्षा शास्त्रियों ने बहुत पहले ही ऐसी परिस्थिति में मूल्यांकन के तरीके तैयार कर रखे हैं लेकिन वर्तमान की शिक्षा ने उनको भुला दिया है ऐसे समय में विद्यार्थियों के मूल्यांकन हेतु  सुझाव ताकि उन्हें अपना कर उनका उचित मूल्यांकन कर ही अग्रिम कक्षा में भेजा जाए ना कि भेड़ चाल की तरह आगे प्रमोट किया जाए। 

1. सतत एवं व्यापक मूल्यांकन- हमने सतत एवं व्यापक मूल्यांकन को शुरू से ही अपना रखा है। लेकिन उसको कभी पूर्ण रुप से अंगीकृत नहीं किया है। वर्तमान स्थिति में उसको मूल्यांकन का एक आधार बनाया जा सकता है। 

2. खुली पुस्तक परीक्षा - विद्यार्थी वर्तमान में घर पर हैं तथा डिजिटल क्रांति के कारण सभी के घर पर whatsapp की सुविधा उपलब्ध है अतः कक्षा आठवीं नौवीं व ग्यारवी के विद्यार्थियों ओपन बुक एग्जाम के प्रश्न भेजे जाये। विद्यार्थी इन प्रश्नों के उत्तर अपनी कॉपी में कर उसका फोटो खींचकर अध्यापक को भेज सकता है। जिसके आधार पर अध्यापक उसका मूल्यांकन कर सकता है। यह कार्य समय आधारित, work for home व ग्रुप आधारित हो सकता है। 

3. वस्तुनिष्ठ परीक्षा- वर्तमान में सभी विषयों के प्रश्न बैंक तैयार हैं अतः फोन कॉल के माध्यम work for home से अध्यापक अपने-अपने विद्यार्थियों से संपर्क कर वस्तुनिष्ठ परीक्षा के माध्यम से भी परीक्षा ले सकता है। 

4. App एवं web आधारित  परीक्षा- पिछले कुछ सालों में ऐप आधारित एवं वेबसाइट परीक्षा का चलन बढ़ा है। राज्य सरकारों ने भी  विभिन्न प्रकार के एप्लीकेशन वेबसाइट तैयार की हुई को आधार बनाकर समय आधारित परीक्षा ली जा सकती है। 

5. टास्क आधारित परीक्षा व मूल्यांकन - छोटी कक्षाओं के लिए घर पर करने योग्य कक्षा व विषय आधारित टास्क दिये जाये ताकि घर पर ही उन कार्य को कर सके। उनके कार्य की रिकॉर्डिंग अध्यापक के पास भेजी जाये जिससे अध्यापक उनके निरीक्षण के पश्चात उनका मूल्यांकन कर सकें।

    जब पूरा विश्व महामारी से जूझ रहा हैं ऐसे समय में विद्यालयों की परीक्षाएं करवाने एवं उनका मूल्यांकन के उपरोक्त तरीके अपना कर बच्चों को आगे की कक्षा में भेजना (प्रमोट करना) स्वस्थ, स्वच्छ, संतुलित एवं सारगर्भित निर्णय होगा। 

          

शिक्षण पर अनुसंधान के प्रतिमान – Gage, Doyle और Shulman

 शिक्षण पर अनुसंधान के प्रतिमान – Gage, Doyle और Shulman   1. Ned A. Gage का प्रतिमान जीवन परिचय: पूरा नाम: Ned A. Gage जन्म: 1917...