बच्चों की परीक्षाएं व मूल्यांकन Covid-19 महामारी में
Children's examinations and evaluation in the Covid-19 pandemic
वर्तमान समय में पूरा देश कोविड-19 वायरस के बचाव में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है तथा हम लोग कामयाबी की ओर बढ़ भी रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग में इस बात की चर्चा हो रही है कि वे कक्षाएं जिनकी परीक्षाएं नहीं हुई है उनको बिना परीक्षा लिए आगे प्रमोट करें या बाद में परीक्षा ले।
वर्तमान परिस्थिति में सभी विद्यार्थियों को एक जगह लाकर परीक्षा लेना खतरे से खाली नहीं है तो ऐसी परिस्थिति में क्या किया जाए ?
शिक्षा मनोविज्ञान व शिक्षा शास्त्रियों ने बहुत पहले ही ऐसी परिस्थिति में मूल्यांकन के तरीके तैयार कर रखे हैं लेकिन वर्तमान की शिक्षा ने उनको भुला दिया है ऐसे समय में विद्यार्थियों के मूल्यांकन हेतु सुझाव ताकि उन्हें अपना कर उनका उचित मूल्यांकन कर ही अग्रिम कक्षा में भेजा जाए ना कि भेड़ चाल की तरह आगे प्रमोट किया जाए।
1. सतत एवं व्यापक मूल्यांकन- हमने सतत एवं व्यापक मूल्यांकन को शुरू से ही अपना रखा है। लेकिन उसको कभी पूर्ण रुप से अंगीकृत नहीं किया है। वर्तमान स्थिति में उसको मूल्यांकन का एक आधार बनाया जा सकता है।
2. खुली पुस्तक परीक्षा - विद्यार्थी वर्तमान में घर पर हैं तथा डिजिटल क्रांति के कारण सभी के घर पर whatsapp की सुविधा उपलब्ध है अतः कक्षा आठवीं नौवीं व ग्यारवी के विद्यार्थियों ओपन बुक एग्जाम के प्रश्न भेजे जाये। विद्यार्थी इन प्रश्नों के उत्तर अपनी कॉपी में कर उसका फोटो खींचकर अध्यापक को भेज सकता है। जिसके आधार पर अध्यापक उसका मूल्यांकन कर सकता है। यह कार्य समय आधारित, work for home व ग्रुप आधारित हो सकता है।
3. वस्तुनिष्ठ परीक्षा- वर्तमान में सभी विषयों के प्रश्न बैंक तैयार हैं अतः फोन कॉल के माध्यम work for home से अध्यापक अपने-अपने विद्यार्थियों से संपर्क कर वस्तुनिष्ठ परीक्षा के माध्यम से भी परीक्षा ले सकता है।
4. App एवं web आधारित परीक्षा- पिछले कुछ सालों में ऐप आधारित एवं वेबसाइट परीक्षा का चलन बढ़ा है। राज्य सरकारों ने भी विभिन्न प्रकार के एप्लीकेशन वेबसाइट तैयार की हुई को आधार बनाकर समय आधारित परीक्षा ली जा सकती है।
5. टास्क आधारित परीक्षा व मूल्यांकन - छोटी कक्षाओं के लिए घर पर करने योग्य कक्षा व विषय आधारित टास्क दिये जाये ताकि घर पर ही उन कार्य को कर सके। उनके कार्य की रिकॉर्डिंग अध्यापक के पास भेजी जाये जिससे अध्यापक उनके निरीक्षण के पश्चात उनका मूल्यांकन कर सकें।
जब पूरा विश्व महामारी से जूझ रहा हैं ऐसे समय में विद्यालयों की परीक्षाएं करवाने एवं उनका मूल्यांकन के उपरोक्त तरीके अपना कर बच्चों को आगे की कक्षा में भेजना (प्रमोट करना) स्वस्थ, स्वच्छ, संतुलित एवं सारगर्भित निर्णय होगा।
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