Growing the economy during the Corona Epidemic
कोरोना महामारी के दौर में अर्थव्यवस्था को उबारना।
कोरोना संक्रमण से वर्तमान में विश्व की अर्थव्यवस्था डगमगा चुकी है ऐसी स्थिति में इससे कैसे उबरना चाहिए? इसे हेतू कुछ सुझाव अपनाए जा सकते हैं-
1- भारतीय अर्थव्यवस्था शुरू से ही कृषि आधारित रही है हमारे पास खेती की जमीन तो बहुत ज्यादा है लेकिन कुछ लोग केवल जमीन प्रॉपर्टी बनाने के लिए लेते हैं और वहां फसल नहीं बोते है तथा सरकारी आंकड़ों में वहां फसल की खाना पूर्ती मिलती है अतः सबसे पहले ऐसी जमीन को चिन्हित किया जाए तथा वहां खेती हो इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा।
2- वर्तमान में राजस्थान के गांव में बहुत सी ऐसी जमीन है जैसे पड़त व गोचर जो कई एकड़ हो सकती हैं घास वाली गोचर जमीन को छोड़ दें तो बाकी ऐसी जमीन जहां खेती हो सकती है के लिए सरकार को चाहिए की ऐसी जमीन का हर गांव में पता किया जाए। तथा उसी गांव के ऐसे लोगों को यह जमीन 1-2 साल के लिए उन परिवारों को लीज पर दी जाए जो स्वयं अपने हाथों से खेती करते हैं और जिनके पास खेत नहीं है इससे उन लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार चाहे तो इन लोगों को इस हेतु संसाधन व बीज भी उपलब्ध करा सकती हैं।
3- पिछले कुछ सालों की तरफ गौर से देखें तो राजस्थान में पशुधन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। जिसका सबसे बड़ा कारण चारे की कम उपलब्धता, पशुधन उत्पाद का उचित मूल्य ना मिलना तथा बाजार में मिलावटी उत्पाद की अधिकता है अतः ऐसी परिस्थिति में अगर किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन को प्रोत्साहित किया जाए तो प्राकृतिक खाद प्राप्त होगी तथा पशुधन उत्पाद भी। साथ ही पशु उत्पादन के परिरक्षण, परिवहन और उनके उचित मूल्य पर विक्रय व्यवस्था हो तो लोग इस ओर आकर्षित होंगे। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
4- राजस्थान का क्षेत्र हमेशा से ही खोज एवं प्राकृतिक संसाधनों के उचित उपयोग में अग्रसर रहा है हमारे यहां सूर्य देवता की अनुपम कृपा है। जिससे हम खिचिया, पापड़ी, राबोड़ी, केर-सांगरी एवं अन्य सूखी सब्जियों का परिरक्षण करते रहे हैं लेकिन हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे गांव में फसलों की उपज के रखरखाव के लिए कोल्ड स्टोरेज का अभाव है जिससे किसान को अपनी उपज को ओने पौने दाम पर बेचना पड़ता है जिससे किसान हमेशा गरीब बना रहता है क्योंकि उपज आते ही उसे बेचना उसकी मजबूरी है अतः सरकार को हर गांव में कोल्ड स्टोरेज खोलकर फसल की उपज को रखने की व्यवस्था हेतु किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए और इन कोल्ड स्टोरेज में बिजली की व्यवस्था हेतु सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन करने की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि किसान अपनी उपज को संभाल कर रख सकें और जब उसको पैसे की जरूरत महसूस हो उस समय वह अपनी उपज बेच सकें मजबूरी में ना बेचे। इससे भी रोजगार का सृजन होगा और गांव के लोगों को रोजगार मिलेगा।
5- महामारी के कारण राजस्थान के प्रवासी, कामगार, मजदूर, श्रमिक आदि जो कि देश और विदेश में रह रहे हैं वे अपने प्रदेश आ रहे हैं। महामारी की स्थिति को देखते हुए अगले कुछ महीनों तक स्थिति सामान्य होने के आसार कम नजर आ रहा है प्रदेश में एक साथ उनके लिए काम मजदूरी एवं रोजगार की व्यवस्था नहीं की जा सकती अतः विभिन्न उपायों के माध्यम से सभी को खेती से जोड़ा जा सकता है जिससे स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ जाएंगे तथा इन लोगों को काम मिलेगा।
समस्त उपायों से खेती उत्पादन बढ़ेगा, कोल्ड स्टोरेज से निर्माण क्षेत्र विकसित होगा एवं किसानों को उसकी उपज का उचित दाम मिलेगा। पशुपालन से भी लोगों को फायदा होगा तथा इससे बाजार में रूपए पैसे का चलन बढ़ेगा जिससे बाजार में अर्थव्यवस्था ज्यादा मजबूत होगी। कारखानों को कच्चा माल भी आसानी से उपलब्ध होगा जिससे कल कारखानों मैं भी रोजगार बढ़ेगा।
सरकार चाहे तो इनको विभिन्न योजनाओं के माध्यम से संसाधन उपलब्ध करा सकती हैं जिससे राजस्थान बहुत जल्द आत्मनिर्भर बन जाएगा।